भागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में लचर व्यवस्था को लेकर एक मरीज की जान चली गई मरीज की स्थिति काफी नाजुक थी फिर भी उसे लाइन में घंटों लग कर पहले रसीद कटाना पड़ा उसके बाद घंटों एक विभाग से दूसरे विभाग सर के चक्कर लगाना पड़ा इस तरह करते करते 3 घंटे बीत गए और मरीज दम तोड़ दिया वही इस घटना के बाद परिजनों ने घंटों मायागंज अस्पताल में बवाल मचाना शुरू कर दिया उनका.
कहना था हम लोग को आए 3 घंटे बीत गए इमरजेंसी में एडमिट करने के लिए लाया था कि तुरंत इलाज हो सकेगा तो मेरे पिताजी की जान बच जाएगी लेकिन अस्पताल की ऐसी लचर व्यवस्था थी कि 3 घंटे में रसीद कटाने और लाइन में लग कर ही समय बीत गया इतना तक तो ठीक था सारी प्रक्रिया करने के बाद जब चिकित्सक के पास पहुंचा तो उन्होंने साफ तौर पर कहा मरीज को लेकर आप रसीद कटाई और हस्ताक्षर करें तभी मैं एडमिट करूंगा जब तक.
मरीज हस्ताक्षर कर एडमिट होने आता तब तक मरीज की स्थिति नाजुक बन गई और वहीं दम तोड़ दिया, वहीं 60 वर्षीय मृतक शमीम अख्तर के बेटे मोहम्मद आलमगीर ने कहा ऐसे 3 घंटे के दरमियान ना तो मेरे मरीज को देखा गया ना ही कोई दवा दी गई और ना ही कोई इंजेक्शन जिससे उसकी हालत में सुधार हो सके ऐसी लचर व्यवस्था के चलते मेरे पिताजी की जान चली गई अब मैं अस्पताल प्रबंधन पर केस दायर करूंगा और मुझे मेरे पिताजी के मृत्यु का इंसाफ चाहिए।