बिहपुर विधायक ई.शैलेंद्र ने कहा कि यदि सत्तारूढ गठबंधन में हिम्मत है, तो वह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय रामनवमी पर हुए हिंसक उपद्रव की न्यायिक जांच कराये. श्री शैलेंद्र ने कहा कि जो पुलिस खरीक, बिहारशरीफ और सासाराम में फेल हुई, क्या खुद उसी की जांच भरोसे लायक होगी ? उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार चार शहरों में दंगे जैसी स्थिति टालने में विफल रही,
तब गृह मंत्री अमित शाह जी ने अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर केंद्र के प्रतिनिधि राज्यपाल से हालात की रिपोर्ट मांगी. इस पर जदयू को मिर्ची क्यों लग रही है ? श्री शैलेंद्र ने कहा कि कहा कि लाल किला के पोस्टर के आगे फोटो खिंचवाने से कोई प्रधानमंत्री नहीं बन सकता. दिल बहलाने को वे व्हाइट हाउस के आगे भी फोटो खिंचवा लें. उन्होंने कहा कि जिन्हें भाजपा डूबता जहाज लगता है ,
वे बिहार में 2014 के संसदीय चुनाव और 2022 में हुए विधानसभा के तीन उपचुनावों के परिणाम दोबारा देख लें. कुढनी और गोपालगंज में जिनकी मोटरबोट डूब गई, वे जहाज की बात न करें. उन्होंने कहा कि बिधान परिषद की जिन छह सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उसमें केवल एक सीट भाजपा की है, जबकि पार्टी इस बार बढी ताकत के आधार पर कई सीटें जीतने वाली है. उन्हें जहाज की क्षमता का पता चल जाएगा.