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भागलपुर/ निभाष मोदी

न्यायालय ने सुनाई 10 वर्ष की कठोर सजा

भागलपुर। समाज में हवस के बहसी दरिंदे इस कदर खुलेआम घूम रहे हैं की वह महज 3 वर्ष और 5 वर्ष के बच्ची को भी नहीं छोड़ते, ऐसे वहसी दरिंदों के चलते आज समाज में छोटे बच्चों को किसी के पास गोद में खेलाने के लिए भी देने के लिए सोचना पड़ता है ,ऐसा ही कुछ मामला भागलपुर पोक्सो कोर्ट से सामने आया है जिसे आज 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है।

भागलपुर पॉक्सो कोर्ट में रेप मामले में एक आरोपी को सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है कि उमेश यादव सहारा इंडिया में शाखा प्रबंधक के पोस्ट पर कार्यरत था। जो अपने पड़ोस के ही रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। जिसके बाद 22 फरवरी 2016 को महिला थाने में मामला दर्ज कराया गया था। जिसके बाद सुनवाई में 1 अप्रैल 2023 को दोषी पाया गया था। जिसे सजा के बिंदु पर रखा गया था, जिसे गुरुवार को 10 वर्ष का सजा सुनाया गया है।

बिस्किट खिलाने के बहाने बुलाया था बच्ची को अपने पास

पोक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने बताया कि बिस्किट देने के बहाने बच्ची को घर बुलाया उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि उमेश यादव पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है। वहीं पीड़िता को 6 लाख रुपये मुवाजा देने का भी निर्देश दिया है।

घटना के बाद अब छोटे बच्चों को किसी के गोद में भी देने से करेंगे परहेज

पोक्सो कोर्ट के शंकर जयकिशन मंडल ने बताया कि अब बच्ची को अपने रिश्तेदार के यहाँ भजेने में भी लोग डरते हैं। उन्होंने कहा कि ये जिस तरीके का जघन्य अपराध किया, वैसे में कोई भी अपने छोटे बच्चों को गोद में देने से परहेज करेंगे।

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