नवगछिया प्रखंड के कोसी पार, तीनों पंचायतों कदवा दियारा, ढोलबज्जा व खैरपुर कदवा के विभिन्न सरकारी स्कूलों में एनजीओ के द्वारा घटिया का भोजन भेजा जा रहा है. जब भोजन को जब रसोईया के द्वारा स्कूली बच्चों की थाली में परोसे जाता हैं छात्र-छात्राओं ने उस भोजन को मुंह में लेते हीं उठ कर कूड़ेदान में फेंक देते हैं. ऐसा हीं दृश्य मंगलवार को ढोलबज्जा के स्कूलों में देखने को मिला. जहां एनजीओ के द्वारा भेजे गए चावल व आलू सोयाबीन की सब्जी जैसे हीं बच्चों की थाली में दिया गया कि- बच्चे एक दो बार हीं मुंह में लिए और उठ उठकर कूड़ेदान में फेंकने लगे.
जब पत्रकार द्वारा बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि- आज का चावल सही से पका नहीं (कच्चा) है. सब्जी भी खाने में अच्छा नहीं लगता है. वहीं दो अन्य बच्चे भोजन लिए बगैर ऐसे खड़े थे. जो स्कूल में एनजीओ के तहत मिलने वाले भोजन नहीं खाते हैं. उसने बताया जब से एनजीओ के द्वारा खाना मिलने लगा है वह खाना अच्छा नहीं लगता है. इसलिए हम खाते हीं नहीं हैं. वहीं उक्त बातों की पड़ताल करते हुए जब वहां के प्रधानाध्यापक से पूछने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा कुछ भी बताने से इंकार कर दिया गया.
वहीं कुछ लोग बता रहे थे कि- बीते शुक्रवार को स्कूलों में अंडे भेजे गए थे. जो ताजे नहीं थे. उससे काफी खराब दुर्गंध आ रहा था । कदवा दियारा पंचायत के सरपंच सिराज साह ने बताया कि- बीते बुधवार को प्रावि बोड़वा में टोला में खिचड़ी और चोखा भेजा गया था. जहां खिचड़ी खट्टा लग रहा था तो, वहीं चोखा में बिना तले पूरा गोल आलू हीं निकल रहा था. उक्त बातों को लेकर नवगछिया के प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नितेश्वर पाण्डेय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि- एनजीओ के द्वारा जो भी पके भोजन स्कूलों में भेजे जा रहे हैं उसके लिए गाइडलाइन है कि उस भोजन को संबंधित विद्यालय के शिक्षक और कोई स्थानीय लोग सबसे पहले चख कर स्वाद लें. यदि भोजन खाने में ठीक नहीं लग रहा है तो, उस भोजन को सीधे वापस लौटा दें. उसके बाद गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.