बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर मे आज से दूसरे पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन शुरू हुआ | इस सम्मेलन का उद्घाटन माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने किया | माननीय कुलपति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय का सौभाग्य है कि आज इतनी बड़ी संख्या में पूर्ववर्ती छात्र यहाँ पहुंचे हैं | उन्होंने पूर्ववर्ती छात्रों से आह्वान किया कि यह विश्वविद्यालय आज भी आपका है, नश्चित तौर पर आपके जीवन कि बुनियाद यहाँ डाली गई है जिसकी बदौलत आप अपने करियर के उच्च पदों पर हैं या सेवा निवृत हुए हैं, आप विश्वविद्यालय को कई रूपों में मदद कर सकते हैं |
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत जल-भराव कर जल संरक्षण पर संदेश देकर की गई | सभी पूर्ववर्ती छात्रों को विश्वविद्यालय का सफरनामा विडियो दिखाया गया | इस अवसर पर 1976 बैच के यहाँ के पूर्ववर्ती छात्र और झारखंड पुलिस से सेवानिवृत आईजी श्री देव-बिहारी शर्मा ने कहा कि यह एक सपने का सच होने जैसा है, हमने काभी सोचा भी नहीं था कि पैतालीस वर्षों बाद हम फिर से अपने बैच-मेट से मिलेंगे |
1976 बैच के पूर्ववर्ती छात्र और बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध बोर्ड के पूर्व सदस्य रंजीत कुमार चटर्जी ने कहा कि यहाँ हम पैतालीस वर्षों के बाद आए हैं और यहाँ बिताए हुए वक्त आज भी हमारे जीवन के गोल्डन पिरिएड हैं | 1993 बैच छात्र और असम के एडीजीपी आईपीएस सुरेन्द्र कुमार ने विडिओ कॉन्फरेंसिग के माध्यम से जुड़कर कहा कि सबौर से जुड़ी हुई यादें अविषमरणीय है और हम वादा करते हैं कि अगले सम्मेलन में जरूर आएंगे | इसके अतिरिक्त अन्य पूर्वर्ती छत्रों में श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह 1974 बैच, अंजनी कुमार 1978 बैच, बालकृष्ण पोद्दार 1978 बैच, भारतीय वन से रिटायर्ड श्री दीपक सिंह, 1916 बैच की छात्रा और पूर्णिया के एसडीएम श्रीमती स्वाती कुमारी ने भी सम्मेलन में शिरकत किया |
इससे पहले माननीय कुलपति ने यहाँ के पूर्ववर्ती छात्रों को बारी-बारी से अंगवस्त्र और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया एवं घोषणा की कि अब हर छः माह पर ही पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन का आयोजन होगा | पूर्ववर्ती छात्र संघ के प्रेसीडेंट डॉ पी० के० सिंह और वाइस प्रेसीडेंट डॉ संजय सहाय ने भी पूर्ववर्ती छात्रों को संबोधित किया | इस अवसर पर पूर्ववर्ती छात्रों का एक वेबपोर्टल का भी लोकार्पण माननीय कुलपति ने किया | सभा का संचालन श्रीमती अनीता कुमारी ने किया |
यह एक भावुक क्षण : पूर्ववर्ती छात्र
झारखंड पुलिस सेवा के रिटायर्ड आईजी श्री उपेन्द्र कुमार ने कहा कि 1980 के बाद यहाँ आकर बहुत भावुक हूँ और ऐसा लग रहा जैसे फ़्लैश बैक में चला गया हूँ | ऐसे ही अन्य पूर्ववर्ती छात्रों ने अपने हॉस्टल के दिनों को याद किया और चालिश वर्षों बाद अपने दोस्तों से मिलकर बोले कि यादें धुंधली हो चली थी लेकिन जब हम एक दूसरे के शरारतों को याद करने लगे तो सबकी पहचान जाहीर होने लगी | अधिकांश पूर्ववर्ती छात्र अपने-अपने छात्रावास भी गए और भूले बिसरे यादों को अपने में समेटा |
सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूमें 70 के दसक के छात्र :
पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन में संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्र और परिसर के बच्चों ने हिस्सा लिया | 70 और 80 के दसक के पूर्ववर्ती छात्रों ने भी अपनी प्रस्तुतीकरण देने से नहीं रोक पाए, जैसे उनका युवा मन फिर से जाग उठा और पाँव भी थिरक उठे |