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मनरेगा पदाधिकारियों के उदासीनता रवैए के कारण ढोलबज्जा के करीब 15 वन पोषक मजदूरों को नौ महीने से पैसे का भुगतान नहीं हो पा रहा है. जिससे वन पोषक काफी परेशान है. भगवानपुर, धोबिनियां बासा व रामपुर गांव के वन पोषक चंदा सिन्हा, बबीता देवी, बीरबल यादव, विज्ञान भूषण, अनिमेष कुमार, नरेश कुमार, सुनैना देवी व पिंकी देवी के साथ वार्ड सदस्यों ने बताया कि- वहां के करीब 15 लोगों ने मनरेगा योजना के तहत दो-दो सौ पौधे अपनी जमीन पर लगाया है. जिसमें 12 वन पोषक के जमीन पर शत प्रतिशत एवं 3 वन पोषक के करीब 50 फीसदी पौधे जीवित रहने के बाद भी बीते जून 2022 से मार्च 2023 तक पंचायत रोजगार सेवक के द्वारा योजना में मास्टर रोल निर्गत नहीं करने के कारण सभी वन पोषक को सरकार के द्वारा मिलने वाले राशि से वंचित हैं. मालूम हो कि- जिस वन पोषक की जमीन पर शत प्रतिशत पौधा जीवित है, उसे सरकार के द्वारा पांच साल तक ₹210 के हिसाब से महीना में आठ दिन की मजदूरी ₹1680 दिया जाता है. वहीं यदि 50 फीसदी पौधे बचे हैं तो उसे महीने में चार दिन की मजदूरी दिया जाता है. नौ महीने से यह राशि नहीं मिलने से वन पोषक काफी परेशान हैं.
क्या कहते हैं? पीओ:
मनरेगा की पीओ राजीव कुमार ने बताया कि- कुछ दिन पहले पीआरएस का तबादला हो जाने से विभागीय कार्य में थोड़ी परेशानी हुई है. जल्द हीं ने पीआरएस से जांच करवा कर मास्टर रोल के तहत भूगतान कर दी जायेगी.
कहते हैं पीआरएस

पंचायत रोजगार सेवक राजेश कुमार ने बताया कि- सभी की मास्टर रोल तैयार कर भेज दी गई है. एक सप्ताह के अंदर राशि क्रेडिट कर दी जाएगी और कोई समस्या हो तो वन पोषक बेहिचक बोलें. उनकी समस्या की निदान की जाएगी.

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