बिहपुर प्रखंड में शुक्रवार को सुहागिन महिलाओं ने पति के लम्बी उम्र की कामना को लेकर वट सावित्री का पूजन किया.इस खुशनुमा माहौल में महिलाओ ने पूजा- अर्चना व प्रसाद वितरित किया तथा अपने पति की लम्बी उम्र की प्रार्थना की। प्रतिवर्ष सुहागिन महिलाओं द्वारा ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है.इस व्रत मे महिलायें वट वृक्ष की पूजा करती है एवं सती सावित्री की कथा सुनने व वाचन करने से सौभाग्यवती महिलाओ को अखंड सौभाग्य की कामना पूरी होती है.
मालूम हो की वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को पुनर्जीवित किया था.तब से यह व्रत वट सावित्री के नाम से जाना जाता है।इसमेंं वट वृक्ष की पूजा होती है.महिलाएं अखंड सौभाग्य व परिवार की सुख समृध्दि के लिये यह व्रत करती है.व्रत की परिक्रमा करते समय 108 वार सूत पेड़ मे लपेटा जाता है.
महिलायें सावित्री व सत्यवान की कथा सुनती है, कहा जाता है कि सावित्री पतिव्रता स्त्री थी. उसने यमराज से लड़कर अपने मृत पति को जिंदा कर लिया था .सावित्री की कथा सुनने से सभी मनोरथ पूर्ण होते है.अतः महिलायें विशेष पूजा -अर्चना करती है साथ ही पूजा के बाद अपने पति को रोली व अक्षत लगाकर चरणस्पर्श कर प्रसाद वितरित करती है तथा अपने पति की दीर्घायु होने की कामना करती है.