- वरीय पदाधिकारियों ने नारायणपुर प्रखंड और अंचल के पदाधिकारियों व कर्मियों से की मामले में बात चीत
- उठ रहे हैं कई सवाल भी
नवगछिया के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के पीछे एक किराए के मकान में नारायणपुर के मधुरापुर की महिला के साथ है नारायणपुर के अंचल अधिकारी द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले में पुलिस ने महिला का बयान कलम बंद करवाया है. इस दौरान वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने भी महिला का बयान लिया है जबकि मामले की प्राथमिकी रविवार देर शाम ही दर्ज कर ली गयी थी. दूसरी तरफ मामले में आरोपी अजय कुमार सरकार को न्यायिक हिरासत में सोमवार को जेल भेज दिया गया है. नवगछिया के वरीय पुलिस पदाधिकारी मामले को काफी गंभीरता से ले रहे हैं. नवगछिया के पुलिस पदाधिकारियों ने घटना के संदर्भ में नारायणपुर प्रखंड और अंचल के पदाधिकारियों और कर्मियों से बातचीत कर कई तरह की जानकारी ली है. दूसरी तरफ से इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बना हुआ है. अधिकांश लोग पीड़िता के साथ खुलकर खड़े हैं और अंचल अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग अंचल अधिकारी के भी शुभचिंतक हैं जिनका कहना है कि अंचल अधिकारी को जाल बिछाकर फसाया गया है.
उठ रहे हैं सवाल
घटना को लेकर खासकर नारायणपुर प्रखंड में कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों ने म्यूटेशन के मामले की जांच की है. मालूम हो कि महिला का आरोप है कि उसने जमीन विवाद मामले में विरोधी का म्यूटेशन रद्द करने के लिए आवेदन दिया था. और इसी काम के लिए अंचलाधिकारी महिला को लगातार टालमटोल कर रहे थे और अंततः रविवार को सुबह फोन कर उन्होंने महिला को नवगछिया बुलाया था. लेकिन प्रखंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि महिला के विरोधी का म्यूटेशन 21 सितंबर को ही नवगछिया के अंचलाधिकारी के आदेश से रद्द कर दिया गया है. अब सवाल उठता है कि महिला के पास किसी भी तरह का कवाला नहीं है तो आखिर महिला या उसका पति किस काम के लिए अंचलाधिकारी के पास लगातार जा रही थी.
उठ रहे हैं सवाल
घटना को लेकर खासकर नारायणपुर प्रखंड में कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों ने म्यूटेशन के मामले की जांच की है. मालूम हो कि महिला का आरोप है कि उसने जमीन विवाद मामले में विरोधी का म्यूटेशन रद्द करने के लिए आवेदन दिया था. और इसी काम के लिए अंचलाधिकारी महिला को लगातार टालमटोल कर रहे थे और अंततः रविवार को सुबह फोन कर उन्होंने महिला को नवगछिया बुलाया था. जिसके बाद दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया. लेकिन प्रखंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि महिला के विरोधी का म्यूटेशन पिछले वर्ष 21 सितंबर को ही सीओ के आदेश से रद्द कर दिया गया है. अब सवाल उठता है कि महिला के पास जमीन का किसी भी तरह का डीड नहीं है तो महिला या उसका पति किस काम के लिए अंचलाधिकारी के पास लगातार जा रहे थे. हालांकि महिला के पति अभी भी अपनी बात पर अडिग हैं. जबकि बुद्धिजीवियों ने कहा है कि पुलिस की कार्यवाई में अंचलाधिकारी को मौके से ही गिरफ्तार किया गया है. अगर षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है तो भी उन्हें इस तरह के कृत्य में सर लिफ्ट नहीं होना था. बहरहाल नवगछिया पुलिस मामले की जांच कर रही है. पर्दे के पीछे की भी कहानी सामने आने की संभावना है.
मीडिया के समक्ष पहुंची
नवगछिया कचहरी परिसर में देर शाम महिला मीडिया के समक्ष आई और उसने कहा कि वह बहुत बुरे दौर से गुजर रही है. उसने आरोप लगाया कि अंचल अधिकारी ने उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया है. वह कई जगहों पर अपना बयान दे चुकी है इसलिए वह अभी ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं है.
कहते हैं एसपी
नवगछिया के एसपी सुशांत कुमार सरोज ने बताया कि मामले में अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया है. पुलिस न्यायोचित कार्रवाई कर रही है.
राजस्व कर्मचारी नीतीश कुमार सेठ बने नारायणपुर के प्रभारी अंचल अधिकारी
नवगछिया – दुष्कर्म मामले में नारायणपुर के तत्कालीन सीओ अजय कुमार सरकार के जेल चले जाने के बाद भागलपुर के जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नवगछिया के राजस्व अधिकारी नितेश कुमार सेठ को नारायणपुर के प्रभारी अंचल अधिकारी की जिम्मेदारी दी है. जानकारी दी गई है कि नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा मामले की विधिवत सूचना भागलपुर जिला प्रशासन को दी गई थी जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए तत्काल प्रभाव से नितेश कुमार सेठ को प्रभारी अंचल अधिकारी बनाया है.