बिहपुर – दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा बिहपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय मड़वा में आयोजित श्रीहरि कथा के चौथे दिन गुरुवार को सर्वश्री आशुतोष जी महाराज की शिष्या कथाव्यास साध्वी सितली भारती ने ज्ञानमंच से श्रद्धालुओं से कहा कि नारियों के दर्द की मूक वाणी थी मीराबाई ,वास्तव में आंसू और आग का संगम थी. मीराबाई उन्होंने ना केवल भक्ति के पराकाष्ठा को प्राप्त किया था.वरन अपने सानिध्य में आने वाले लोगों को भी भक्ति के वास्तविक रहस्य से अवगत करायी थी.
मीराबाई एक क्रांतिकारी समाज सेविका , पाखंडो की खंडन करती एक समर्पित शिष्या भी थी।उन्होंने कहा कि समर्पित भाव से मूर्ति के द्वारा ही प्रभु श्री कृष्ण को प्राप्त कर ली थी.संत रविदास जी की शरणागति में जाकर मीराबाई ने भगवान श्री कृष्ण को वास्तविक रूप में जानकर अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर हो गई. सही मायने में भगवान का मिलना कठिन नहीं है, कठिन है तो ऐसे पूर्ण संत का मिलना जिसने स्वयं ईश्वर का दर्शन किया हो, और दर्शन कराने का सामर्थ्य रखता हो.कार्यक्रम को सफल संचालन कराने में गोपाल, रामचंद्र, साध्वी सुनिता भारती, ममता भारती जी आदि लोगों की भूमिका सराहनीय रही.