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सुल्तानगंज अगुवानी पुल के पिलर संख्या 10 पर भारत का पहला डॉल्फिन ऑब्जरवेशन सेंटर बनने वाला था लेकिन जलीय जीव की खूबसूरती को नजदीक से देखने की आस अब लोगों की टूट चुकी है, क्योंकि पुल का पिलर संख्या 9, 10, 11, 12 पूरी तरह से धराशाही हो गया है, और इसमें कई जलीय जीव व डॉल्फिन के मरने की भी संभावना है, इस पर वन प्रमंडल पदाधिकारी भरत चिंतापल्ली ने कहां थी अब तक किसी डॉल्फिन या जलीय जीव के.

मरने की सूचना नहीं मिली है लेकिन अगर ऐसा होता है तो पुल निर्माण निगम व कंपनी के विरुद्ध अपनी ओर से हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। हम आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ अप्रूवल मिले बिना वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस के डॉक्यूमेंट के बगैर ही निर्माण करवाया जा रहा था जिसके विरूद्ध पहले भी वन प्रमंडल ने कार्यवाई की थी, और निर्माण को रोकने का भी निर्देश दिया था। डीएफओ ने कहा कि फिलहाल प्रकृति से बिना छेड़छाड़ किए गंगा में गिरे मलबे को हटाया जाए ताकि जलीय जीव मूवमेंट फ्री हो जाए।

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