एक प्रखंड ऐसा भी है जहां तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस है तपती गर्मी है चिलचिलाती धूप और गर्मी को लेकर पूरे सूबे में हाई अलर्ट है वही विद्यालय खुले हुए हैं और बच्चे नियमित रूप से पढ़ने जा रहे हैं क्योंकि इस प्रखंड में गर्मी की छुट्टी नहीं होती है यहां सिर्फ बरसात के समय में बाढ़ की छुट्टी दी जाती है वह प्रखंड कोई और नहीं भागलपुर नवगछिया का इस्माइलपुर है जहां के स्कूलों में बिजली की व्यवस्था भी नदारद है , इस पूरे क्षेत्र का बाढ़ और कटाव ने गंगा के किनारे तटवर्ति इलाके का पुरा भूगोल ही बदल डाला है, साथ ही साथ शिक्षा विभाग के नियमों को भी बदल डाला है, जिसका जीता जागता उदाहरण है भागलपुर नवगछिया का इस्माइलपुर प्रखंड।
लोग इस तपती गर्मी में सड़कों पर निकलना तो दूर घरों में भी परेशान दिख रहे हैं वही प्रदेश भर में लगातार गर्मी बढ़ने के कारण जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा सरकारी स्कूलों व निजी स्कूलों में गर्मी छुट्टी की घोषणा कर दी गई है जिला शिक्षा विभाग भी इसको लेकर आदेश पारित किया है वही भागलपुर जिले के इस्माइलपुर प्रखंड अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों को गर्मी की छुट्टी से वंचित कर दिया गया है। इसको लेकर जब जीएस न्यूज़ के संवाददाता इस्माइलपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर पहुंची तो वहां पर स्कूल में अलग ही नजारा देखा जहां एक तरफ गर्मी की छुट्टी हो चुकी है वहीं दूसरी तरफ इस्माइलपुर प्रखंड के बच्चे भारी मन से इस झुलसा देने वाली गर्मी में स्कूलों में पढ़ाई करते नज़र आ रहे हैं। जहां न तो ढंग से बैठने के लिए डेस्क बेंच है और ना ही बिजली की व्यवस्था। वहां के शिक्षक भी हॉनर फोन है मन से बच्चों को पढ़ाते दिख रहे हैं बच्चों को भी इस चिलचिलाती धूप में पढ़ने का तनिक भी इच्छा नहीं हो रहा है।
हालांकि इस्माइलपुर प्रखंड के विद्यालयों में भी गर्मी छुट्टी देने की मांग को लेकर प्रखंड के दर्जनों शिक्षक शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ शेखर गुप्ता के नेतृत्व में शिक्षकों ने पदाधिकारियों से मिलकर गर्मी की छुट्टी देने की मांग की बताते चलें कि सोमवार से जिले के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में गर्मी छुट्टी घोषित कर दी गई है बाढ़ प्रभावित विद्यालयों में बरसात की छुट्टी की परंपरा रही है इसी कारण इस्माइलपुर प्रखंड के विद्यालयों में गर्मी छुट्टी नहीं दी गई है अब सवाल यह उठता है कि अगर इस तपती गर्मी में किसी बच्चे को कुछ हो जाता है तो इसके जिम्मेदार कौन होंगे?
इसको लेकर मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर के शिक्षक विनोद कुमार यादव ने बताया कि हमारे इस्माइलपुर प्रखंड के सभी प्राइमरी तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में गर्मी की छुट्टी नहीं होती है हमारे स्कूलों में बाढ़ की छुट्टी होती है। इस पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि यह आदेश कई सालों से शिक्षा विभाग के द्वारा पारित किया गया है इसका मुख्य कारण है कि पूर्व में इस्माइलपुर प्रखंड में सड़क ना होने के कारण बरसात में शिक्षकों को स्कूल आने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता था, प्रखंड का बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण भी स्कूल बरसात के समय में डूब जाता था। लेकिन समय के साथ बहुत बदलाव हुआ गांव में पक्की सड़कें बन गई नल जल योजना भी स्कूल तक पहुंच चुकी है वही बाढ़ को रोकने के लिए रिंग बांध सरकार के द्वारा बनाया गया है 2 साल से बाढ़ भी नहीं आ रही है इसके बावजूद शिक्षा विभाग अपने पुराने परंपरा से चले आ रहे आदेश को निरस्त नहीं कर रही है, पिछले वर्ष हमने अधिक गर्मी पड़ने पर स्कूलों में गर्मी छुट्टी की घोषणा भी कर दी थी लेकिन 4 दिन के अंदर जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा लेटर जारी किया गया उसके बाद हमें दोबारा से स्कूल खोलना पड़ा।
वहीं इस वर्ष लगातार बढ़ती गर्मी एवं तेज धूप के कारण हीटवेव से स्कूल आने में कई बच्चे सुबह के समय बेहोश भी हो जाते हैं। इस्माइलपुर प्रखंड अंतर्गत करीब 108 शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापक ने मिलकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक आवेदन भी दिया होगा , इसके समर्थन में इस्माइलपुर जिला परिषद विपिन कुमार मंडल ने भी अपने लेटर पैड पर जिला शिक्षा विभाग को आवेदन दिया है।
बता दें कि दियारा क्षेत्र होने के कारण बिजली की व्यवस्था भी स्कूल में एवं गांवों में अच्छी नहीं है जिस वजह से स्कूलों में लाइट की स्थिति सही नहीं है और गर्मी में बच्चो के बेहोश होने की अधिक संभावना रहती है शिक्षक को भी स्कूल आने में तकलीफ होती है जिस वजह से पूरे इस्माइलपुर प्रखंड के सभी शिक्षकों ने एकत्र होकर जिला शिक्षा विभाग पदाधिकारी को आवेदन दिया है लेकिन अभी तक इस को लेकर जिला से कोई जवाब नहीं आया है।
वहाँ स्कूल मे पढ़ रही एक छात्रा ने कहा कि यहां पर बाढ़ का छुट्टी होता है, गर्मी का छुट्टी नही होता है, यहां पर बिजली आता तुरंत चले जाता है। बिजली आता है तो पढ़ते है नही आता फिर भी किसी तरह पढ़ते है।
इसी विद्यालय के एक छात्र ने कहा की यहां गर्मी का छुट्टी नही होता है, बाढ़ का छुट्टी होता है, परेशानी होता है, धूप भी बहुत है और यहां बिजली नही रहता है। कभी कभी बिजली आता है तो पंखा चल जाता है।
शिक्षक विनोद कुमार यादव और गुरुचरण रजक ने कहा की गर्मी के बदले बाढ़ की छुट्टी बहुत पहले से दिया जाता था। लेकिन अब तो हमलोग के यहां रिंग बांध बन गया। हमारे प्रखंड में लगभग 36 विद्यालय है जिसमे लगता है 30 विद्यालय रिंग बांध के इस पार में है और पूर्णतः सुरक्षित है। 2 वर्ष से बाढ़ भी नही आया है। बरसात के दिनो मे किसी प्रकार का परेशानी नही होता है। और इससे ज्यादा समस्या बाढ़ के समय में अन्य प्रखंड में जैसे गोपालपुर रंगरा खरीक नारायणपुर बिहपुर है। इन सब ब्लॉक में करीब करीब 10 प्रतिशत विद्यालय ऐसा है की बाढ़ में इस्माईलपुर से पहले डूब जाता है। लेकिन वहां गर्मी की छुट्टी होती है। हमलोग जिला प्रशासन से मांग करते हैं की जब पूरे बिहार में इस चिलचिलाती धूप को देखते हुए छुट्टी दी गई है तो हमारे इस्माईलपुर प्रखंड के बच्चो को गर्मी का छुट्टी उपभोग करने का अनुमति दिया जाए।
इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा की इस्माईलपुर प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ ग्रस्त प्रखंड के अंतर्गत आता था। पूर्व से यह थी की इस्माइलपुर प्रखंड के शिक्षकों को और बच्चो के लिए विद्यालय में ग्रीष्मावकाश न देकर बरसात का अवकाश दिया जाता था। किंतु शिक्षकों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर के एक आवेदन दिया है जिसमे यह जिक्र किया है की नया तटबंध बन जाने के कारण अब बाढ़ नही आता है। हमने बीईओ को निर्देश दिया है की आप इसको जांच कर के ये बताए की वस्तु स्थिति क्या है।यदि रिपोर्ट में यह अंकित होता है की अब बाढ़ नही आती है तो ग्रीष्मावकाश दी जा सकती है ,अगर बाढ़ की संभावना होगी तो ग्रीष्मावकाश की छुट्टी नहीं होगी।