नवगछिया अनुमंडल के रंगरा चौक प्रखंड के जहांगीरपुर बैसी में कटाव निरोधी कार्य कोसी नदी में समा रहा है. जहांगीरपुर बैसी के पास कोसी नदी का भीषण कटाव हो रहा है. कटाव निरोधी किया गया कार्य सौ मीटर से अधिक कोसी नदी में समा गया है. तीन लाइन में कोसी नदी का कटाव है. कटाव से गांव के लोग सहमें हुए है. ज्ञातव्य हो कोसी नदी के कटाव रोकने के लिए इस वर्ष तीन करोड़ 40 लाख रूपये की लागत से कटाव निरोधी कार्य हुआ था. कटाव के दोनो तरफ डेढ़ सौ मीटर में परक्युपाइन का काम है.
बीच में जीओ बेग कार्य हुआ है. लगभग एक सप्ताह से वहां पर कटाव हो रहा है. कटाव होने पर उसे रिस्टोर किया जाता हैं कितु 24 घंटा के अंदर रिस्टोर का कार्य पानी में बह जाता है. कटाव निरोधी कार्य का लगभग सौ मीटर से अधिक तीन लेन में शनिवार की शाम को कोसी नदी में बह गया. हालांकि वहां पर कटाव रोकने के लिए दिन रात कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना हैं कि कटाव निरोधी कार्य उट के मुंह में जीरा के समान कार्य हो रहा है.
केवल आठ मजदूर कटाव निरोधी कार्य में लगे हुए है.-घटना की जानकारी कार्यपालक अभियंता को दी गई. सूचना पाकर कार्यपालक अभियंता दिनेश कुमार, सहायक अभियंता विनित कुमार मौके पर पहुंच कर कटाव का जायजा लिया. ज्ञातव्य हो कि पिछले वर्ष जहांगीरपुर बैसी में कोसी नदी के कटाव ने भारी तबाही मचाई थी. कोसी नदी के भीषण कटाव में 200 से अधिक परिवार का पक्का मकान कटकर नदी में विलिन हो गया था. जल संसाधन विभाग द्वारा कराए गए फ्लड फाइटिंग कार्य गांव को कटने से नहीं बचा पाई.
पिछले वर्ष कटाव को देखते हुए तीन करोड़ 40 लाख रूपये कटाव निरोधी कार्य स्वीकृत किया गया. कटाव निरोधी कार्य हुआ भी. कटाव निरोधी कार्य में काफी अनियमितता बरती गई. कार्य को ठीक से नहीं किया गया. कटाव निरोधी कार्य कोसी नदी के हल्के दवाब को भी झेल नहीं पाई. कटाव निरोधी कार्य कटकर नदी में विलिन हो रहे है. जल संसाधन विभाग मूक दर्शक बनकर तमाशा देख रही है। ग्रामीणों ने कहा कि उस कार्य में हो रही अनियिमितता का हम लोगों ने विरोध किया था. किंतु उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. पिछल वर्ष जहांगीरपुर बैसी गांव के आधा परिवार का घर कटकर नदी में विलिन हो गया था. यदि इस बार भी कटाव नहीं रोका गया तो पूरा गांव ही समाप्त हो जायेगा.