भागलपुर के बरारी थाना क्षेत्र अंतर्गत छोटी खंजरपुर से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है जहां एक पिता ने ऑनलाइन कपड़े की खरीदारी करने के लिए बेटे को पैसे देने से इंकार कर दिया तो इंटर पास 19 वर्षीय युवक ने फंदे से झूल कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, मामला बरारी थाने के छोटी खंजरपुर मोहल्ले का परमानंद अपार्टमेंट का है, मृतक अंकित के पिता छविनाथ राम बाढ़ नियंत्रण विभाग में संविदा आधारित कनीय अभियंता ( जेई) हैं, उन्होंने बताया कि दोपहर कुरियर से बेटे का कपड़ा आया था इसके लिए अंकित ने 2500 रुपए की मांग की,
पैसा नहीं रहने पर उसे देने से इनकार किया, दफ्तर से काम खत्म करके शाम में जब घर पहुंचा तो अंकित के बारे में पता चला कि उसकी मां ने कहा कि वह गुस्से में है दोपहर का खाना भी नहीं खाया है मैं अंकित को मनाने के लिए उसके कमरे के पास गया और दरवाजा खटखटाया ,कोई रिस्पांस नहीं मिलने पर उसके मोबाइल पर कॉल किया लेकिन वह नहीं उठाया फिर उसके दोस्त ने भी कॉल किया उसका फोन भी नहीं उठाया, अनहोनी की आशंका पर गार्ड की मदद से खंती से दरवाजा तोड़ा तो अंकित को देखा वह पंखे से झूल कर गमछे का फंदा लगाकर जान दे दी, आनन-फानन में फंदा खोलकर मायागंज अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब हो कि अंकित एक बार अपने कपड़े का ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए 1 सप्ताह पहले भी कहा था जिसका कपड़ा घर पर आ भी गया था लेकिन पेमेंट नहीं देने के चलते वह लौट गया था जिससे वह इस बात को लेकर डिप्रेशन में चला गया था और अपने पिता से बार-बार कहता था बेटियों के लिए आप सब कुछ करते हैं लेकिन मेरे लिए कुछ भी नहीं, ऐसा क्यों?
बहरहाल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।
दरअसल छविनाथ को तीन बेटियां है और एक बेटे, बड़ी बेटी जम्मू में आर्किटेक्ट की पढ़ाई कर रही है वहीं दूसरी बेटी चंडीगढ़ में साइक्लोजेस्साइक्लोजिस्ट के लिए फर्स्ट सेमेस्टर में दाखिला ली है और छोटी बेटी भागलपुर में ही पढ़ाई कर रही है और 19 वर्षीय बेटा अंकित इस बार इंटर की परीक्षा पास किया था, पिता छविनाथ बेटे को अपने तरह इंजीनियर बनाना चाहते थे वह मूल रूप से सुल्तानगंज में प्रखंड कार्यालय के समीप का रहने वाले हैं। पिता छविनाथ अपने बेटे अंकित के इस तरह के कदम उठाने से काफी मायूस है । पिता का कहना है मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा कपड़े नहीं दिलाने के चलते इतना बड़ा कदम उठा लेगा।