आज 23 जून को बिहार हेरिटेज सोसायटी के तत्वाधान में पटना के सरदार पटेल भवन के ऑडिटोरियम में तीन-दिवसीय सेकंड एनुअल कॉन्फ्रेंस “ग्लोबल हेरिटेज कानक्लेव” का शुभारंभ हुआ जो 25 जून तक चलेगा। इस सम्मेलन का आयोजन हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव के साक्षी रहे धरोहरों के महत्व व संरक्षण को समर्पित करते हुए “धरोहरोत्सव” के रूप में किया गया है जिसका मुख्य विषय है – “तीर्थ संस्कृति” (Pilgrimage Culture.)।
इस सम्मेलन में राज्य और देश के अग्रणी पुराविद्, इतिहासकार तथा विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भागलपुर के लेखक-द्वय शिव शंकर सिंह पारिजात एवं डॉ रविशंकर कुमार चौधरी की पुस्तक “तवारीख़ के पन्नों से” का लोकार्पण संयुक्त रुप से समारोह में उपस्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के संयुक्त सचिव डॉ संजय कुमार मंजूल सहित समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अभय कुमार सिंह, कुलपति, नालंदा विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि
प्रोफेसर रामेश्वर सिंह, कुलपति बिहार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, पटना, डॉ सच्चिदानंद मिश्रा, मेंबर सेक्रेटरी, आईसीपीआर, दिल्ली,
प्रोफेसर अंबिका दत्त शर्मा, हरिसिंह, गौर विश्वविद्यालय, सागर (मध्य प्रदेश) और डॉ अनंत आशुतोष द्विवेदी, डीजी, हेरिटेज सोसायटी, पटना के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
पटना में आयोजित इस तीन दिवसीय “धरोहरोत्सव” में शिरकत कर रहे भागलपुर के टीएनबी कॉलेज के इतिहास विभाग के व्याख्याता व पुस्तक के सह-लेखक डॉ. रविशंकर कुमार चौधरी ने बताया कि मध्यकालीन इतिहास पर आधारित “तवारीख़ के पन्नों से” शीर्षक पुस्तक में भागलपुर सहित मुंगेर और संथाल परगना क्षेत्र के मुगलकालीन धरोहरों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया गया है जो हर इतिहास व धरोहर प्रेमियों के लिए रुचिकर है।