अभिषेक के सातवें व पहली सोमवारी पर 21 जोड़ों नें किया रुद्राभिषेक
नवगछिया- बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में आयोजित एकादश अभिषेकात्मक महारूद्र यज्ञ के सातवें दिन शिव महापुराण की कथा का वाचन करते हुए महंत सिया वल्लभ शरण महाराज जी श्री ने कहा कि भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह के पहले से ही तारकासुर राक्षस का तीनों लोक में अत्याचार था और उसका वध भोलेनाथ व माता पार्वती के पुत्र से होना था। इसीलिए भोलेनाथ व माता पार्वती का विवाह पहले से ही होना तय था। यानी यह सब लीला भगवान की थी।
वहीं मत्स्य महापुराण की कथा सुनाते हुए विद्यावाचस्पति डॉ० श्रवण शास्त्री कहते हैं कि ब्रह्मा के चौदह मानस पुत्रों का जन्म इसके उपरांत कामधेनु से अलग-अलग बछड़े बनाकर क्रमशः श्रृष्टि का निर्माण हुआ। वहीं दूसरी ओर दिन के अभिषेक में संतोष चौधरी सपत्नीक रेणु चौधरी, नीतीश चौधरी, अंकित चौधरी, अर्जुन चौधरी, आनंद कुमार, रवि कुमार, उज्जवल कुमार, रविश चौधरी, राजेश चौधरी, शिवानी, रिमझिम एवं रात्रि में शिव प्रकाश गड़ौड़िया सपरिवार सहित शामिल हुए।
मौके पर पं० आनंद झा, पं० अविनाश मिश्रा सपत्नीक तृप्ति मिश्रा, सामवेदी पं० घनश्याम मिश्र, अध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार भारती, सचिव प्रवीण भगत, शिव महापुराण का मुख्य यजमान कुमार मिलन सागर, मत्स्य महापुराण के मुख्य यजमान विश्वास झा सपत्नीक शिखा कुमारी, मंच व्यवस्था प्रमुख अजीत कुमार, रूपेश कुमार सहित उपस्थित हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं को धार्मिक भजनों एवं झांकी में दिखने को मिला। जिसमें बामन के रूप में केशव, राजा बलि के रूप में आनंद, सेना के रूप मेंमुख्य भूमिका में शांतनु, शिवम, छोटू, अमरदीप आचार्य आदि ने भाग लिया।