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अर्जुन कॉलेज ऑफ नर्सिंग नवगछिया के प्रांगण में आयोजित आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान-योग शिविर के चौथे दिन स्वामी परमतेज महाराज ने भस्त्रिका एवं ऊज्जयी का अभ्यास कराया. उन्होंने बताया कि कतिपय भावनाएं जैसे मोह-माया,क्रोध, उद्दंडता, कामवासना, ईर्ष्या, लोभ आदि हमें जकड़ लेती है. एक प्रभावशाली प्रयोग के माध्यम से इन कुत्सित भावनाओं से मुक्ति पाने का तरीका बताया. सांसों के नियंत्रण के एक सरल तकनीक से मानसिक तनाव से मुक्ति का रास्ता बताया. स्वामी जी ने सुदर्शन क्रिया के महत्व को बताते हुए कहा यह मन में संचित सभी कुत्सित विचारों को खाली कर देती है.

शरीर की सभी कोशिकाएं जागृत एवं सक्रिय हो जाती हैं. सुदर्शन क्रिया के नियमित अभ्यास के अनेक फायदे हैं जैसे मन की शांति, दृष्टि साफ करता है, हृदय की गति को धीमा कर देता है. ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में चैनेलाइज कर देता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. कोलेस्ट्रोल का स्तर कम हो जाता है. जोड़ों के एवं शरीर के दर्द को कम करता है रचनात्मकता बढ़ती है. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का प्रबंधन आसानी से होता है आत्मविश्वास बढ़ता है एवं अवसाद से राहत मिलती है.


समस्याओं की पहचान करने में सहायता प्रदान होना होता है. स्वीकार्यता एवं धैर्य में सुधार आता है. स्वयं एवं परिवेश के प्रति जिम्मेदारी की भावना में सुधार होता है. पुलिस केंद्र के सार्जेंट मेजर कुणालआनंद चक्रवर्ती ने बताया कि पिछले तीन दिनों के अभ्यास से ही मेरी सोच, व्यवहार, सकारात्मकता आदि में परिवर्तन का एहसास होने लगा है. शिविर में भागलपुर नवगछिया के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी, मुखिया, जनप्रतिनिधि, अर्जुन कॉलेज के प्राध्यापक एवं गैर शिक्षक शैक्षणिक पदाधिकारी, छात्र-छात्राएं आदि शामिल हुए.

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