बिहपुर : शुक्रवार को मुहर्रम की नवमी पर बिहपुर प्रखंड के खानका-ए-आलिया फरीदिया मोहब्बतिया बिहपुर के सज्जादानशीं हजरत अली कौनैन खां फरीदी व नायव सज्जादानशीं हजरत मौलाना अली शब्बर खां फरीदी ने बताया कि मुहर्रम का महीना इस्लामिक पहला महीना हैं।इसी महीने के दस तारीख को पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा सल्लाहो बसलम के नवासे ( नाती )हजरत इमामे हुसैन को और उनके 72 साथियो को यजीद ने करबला में शहीद कर दिया था।
इमामे हुसैन ने शहीद हो कर इस्लाम की अजमत को बचाया था।उस दिन से पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिये यह दिन यादगार के रूप में मनाया जाता है।मुहर्रम के महीने इमामे हुसैन के नाम से लोग कुरानखानी नियाज, फातिहा व जलसा कर उनको याद करते हैं।इमामे हुसैन की कुर्बानियों को मुसलमान प्रेरणा के रूप में लेकर उनके बताये हुये रास्ते पर चलते हैं।वहीं सज्जादानशीं ने लोगो को शांति व भाईचारे के साथ मुहर्रम मनाने की अपील किया।इस्लाम धर्म को मानने वाले के लिए यह महीना काफी महत्वपूर्ण है।