3.7
(3)

बिहार में सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाध्यपकों के लिए अब एक और नया फरमान जारी हो गया है. जाति सर्वे की जिम्मेदारी के बाद अब बोरे यानी गनी बैग बेचने का काम भी उनके सिर लाद दिया गया है. दरअसल, सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक मध्याह्न भोजन का बोरा बेचेंगे. 20 रुपया प्रति बोरा बेचने का आदेश है.

इतना ही नहीं, सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर को मिड-डे मिल के चावल और दाल के खाली हुए इन बोरों को कम से कम 20 रुपए में बेचने के बाद इससे मिले पैसे को सरकारी खाते में जमा भी कराना है. शिक्षा विभाग के इस आदेश की खासी चर्चा हो रही है.
इसको लेकर नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय लत्तीपाकर में प्रधानाध्यापक मंथन में लगे हैं.

वह बोरियों को रखवाते हुए देखे गये. अब खरीदार मिलने के बाद इसकी बिक्री कर देंगे. प्रधानाध्यापक अटल बिहारी सिंह ने कहा कि विभाग का आदेश है तो पालन करना ही पड़ेगा. मामले को लेकर कमिटी में इसपर चर्चा करेंगे. बोरा बेचने का निर्देश और 20 रुपया प्रति बोरी बेचने का निर्देश पत्र में है. इसमें कुछ परेशानी भी है. फटा बोरा देखकर बच्चे बोरा लेकर बैठ जाते हैं. जिस वजह से बोरा बेचने लायक नहीं रह जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए बोरे को बक्से में संभाल कर रख रहे हैं.

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 3.7 / 5. Vote count: 3

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: