जिलापरिवहन पदाधिकारियों ने टीम के साथ नवगछिया बस स्टैंड का जायजा लिया. ज्ञातव्य हो कि नवगछिया बस स्टैंड करोड़ों रूपये की लागत से बना हैं. किंतु गाड़िया बस स्टैंड पर नहीं लगकर रोड पर लगाया जाता हैं. इससे बराबर जाम की समस्या होती हैं. तथा कई बार तो सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत भी हुई है. इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी जर्नादन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिल पदाधिकारी के निर्देश पर बस स्टैंड की जांच करने आए हैं. यहां पर क्या क्या सुविधाएं है. और क्या क्या कमियां है. इन कमियों को दूर कर इसे आरंभ कर सकते हैं.
बस स्टैंड में यात्रियों के लिए बैठने के लिए हॉल हैं. पेयजल की सुविधाए हैं.टीकट कांउटर भी है. इसमें कुछ कमियां भी हैं. उसे दूर किया जायेगा. इस मौके पर उनके साथ नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार, नवगछिया नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुमित्रा नंदन भी मौजूद थे.
ज्ञातव्य हो कि नवगछिया में नगर परिषद के द्वारा डेढ़ करोड़ की लागत से बना बस स्टैंड बेकार पड़ा है. नगर परिषद प्रशासन ने प्राइवेट बस और छोटे वाहनों को एक जगह लगाने के लिए यहां बस स्टैंड का निर्माण करवाया था. निर्माण एजेंसी बुडको ने वर्ष 2017 में बस स्टैंड का कार्य पूरा कर नगर परिषद प्रशासन को हैंडओवर भी कर दिया. इसके बाद नगर परिषद प्रशासन ने बस पड़ाव की बंदोबस्ती भी कराई. बावजूद अब भी एनएच-31 किनारे ही बस और अन्य छोटे वाहन खड़ा कर चालक यात्रियों को चढ़ाते उतारते हैं.
इससे एक ओर जहां एनएच पर अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है, वहीं दूसरी ओर यहां दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। जाम में कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है.
पांच साल पहले बनाए गए बस स्टैंड का भवन भी अब जर्जर स्थिति में है. देखरेख के अभाव में भवन की दीवारों में दरार आ गई है. वहीं बस स्टैंड परिसर में गंदगी फैली हुई हैं. दूसरी ओर शाम होते ही यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है. बदमाश यहां नशा का सेवन करते हैं और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए साजिश रचते हैं.