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भागलपुर, कई करोड़ों रुपए की लागत से भागलपुर शहर स्मार्ट सिटी बनने की रेस में है लेकिन भागलपुर स्मार्ट तो नहीं बन पाया परन्तु पूरे शहर में कूड़े कचरो का अंबार जरूर लग गया, हर वार्ड में गंदगी इस तरफ फैली हुई है कि लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है खासकर जब से सफाई एजेंसी नगर निगम में आई है और उन्हें शहर के सफाई का जिम्मा दिया गया है तब से यह भागलपुर शहर कूड़े कचरो का शहर बन गया है, जिसके चलते भागलपुर में मच्छर जनित रोग चाहे वह डेंगू बीमारी हो मलेरिया हो या फिर अन्य कई.

बीमारी वह काफी तेजी से फैलता जा रहा है । शहर वासियों को डेंगू बीमारी अपने आगोश में लेता चला जा रहा है लेकिन सफाई कर्मी अभी भी सचेत नहीं हो रहे हैं इसको लेकर भागलपुर की मेयर डॉक्टर वसुंधरा लाल के नेतृत्व में सभी 51 वार्डों की आवश्यक बैठक बुलाई गई, भागलपुर की मेयर डॉक्टर वसुंधरा लाल ने कहा भागलपुर में जो सफाई एजेंसी आई है उस सफाई एजेंसी ने पूरे शहर को गंदा करके छोड़ दिया है कचरा से भरा शहर बना कर रख दिया है ना तो सफाई हुई ना ही.

जल जमाव से राहत मिल ना ही नालों की उड़ाई हुई , कुल मिलाकर शहर को सफाई एजेंसी ने नर्क बनाकर छोड़ दिया है सफाई के नाम पर कोई काम नहीं हो रहा है जनता की शिकायत लगातार पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर के पास आ रही है शहर के लोग गंदगी से त्रस्त हैं इसी बाबत यह अहम बैठक की गई और हमसबों ने मिलकर निर्णय लिया कि सफाई एजेंसी या तो सुधर जाए शहर की सफाई सही तरीके से करें अन्यथा यहां से चली जाए अगर ढंग से कार्य नहीं करती है तो उसे शहर से रास्ता दिखाने के लिए हम लोग और विचार करेंगे, इस अहम बैठक में सभी पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर गोल बंद हो चुके हैं।

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