बिहपुर:28 सितंबर को 12वीं शरीफ है। बिहपुर प्रखंड के मदरसा गौसिया दरशूल कुरान,बभनगामा-पठानटोला के प्राचार्य मौलाना ईरफान अहमद उर्फी ने यह जानकारी देते हुुए बताया कि यह दिन इस्लामी दुनिया का सबसे बड़ा दिन है।बताया गया कि 12वीं शरीफ पैगम्बर-ए-ईस्लाम के पैदाईश की तारिख है।हुजूर आए तो जुल्म,नाइंसाफी, भेदभाव,अपराध व जरायम को मिटाया,और पूरी दुनिया को इस्लाम,इंसानियत,मानवता, भाईचारा, मोहब्बत व प्रेम का संदेश दिया।यही वजह है कि उनके व्यवहार व तालीम से लोग इस कदर प्रभावित हुए कि उनके मानने वालों की तदाद चंद लोगों से बढ़कर करोड़ो व अरबों में फैल गई,
और हुजूर पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गए।मौलाना ईरफान ने कहा कि तो हमें भी हुजूर मुस्तफा स.अ.व. के विलादत के दिन उनकी दी हुई शिक्षा एवं उनके संदेशों को आमलोगों तक पहुंचाना चाहिए।ताकि हमारे बीच से भी नफरत,दुश्मनी, भेदभाव,जुल्म व अपराध खत्म हो,और पूरी दुनिया में शांति व मुहब्बत ही मुहब्बत ही हो।मौलाना ईरफान ने कहा कि इस दिन को हमें पीस-डे के तौर पर मनाएं।समाज के पिछड़े,गरीब,मिस्कीन और बेहसहारों की मदद करके एक सच्चे मुसलमान होने का सबूत दें।क्योंकि हुजूर मुस्तफा स.अ.व.ने कहा कि सबसे बेहतरीन वहीं होता है।जो किसी भेदभाव के बिना हर किसी लिए मदद का हाथ बढ़ाता है,और हर किसी को फायदा पहुंचाता है।