भागलपुर : सरकार की ओर से लगातार स्वच्छता अभियान को सरजमी पर उतारे जाने का ढिंढोरा पिटा जा रहा है। जबकि इसकी वास्तविक तस्वीर पीएम और सीएम की बयानबाजी से परे है। एक ओर वे मजदूरों की मजदूरी बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्वच्छता के लिए बहाल की गयी उनकी एजेंसी सफाई कर्मियों की छतनी और उसके वेतन में कटौती कर रहे है। जिससे स्वच्छ भारत अभियान और क्लीन सिटी – ग्रीन सिटी की सफलता का बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है।सफाई मजदूरों की छटनी व उसकी मजदूरी में की जा रही कटौती के.
मुद्दे को लेकर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल मायगंज परिसर में वहां के सफाई कर्मी पिछले कई दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे थे। जिससे अस्पताल सहित कई जगहों पर गंदगी का अंबार लग गया। जिससे लोग गंदगी का शिकार हो रहे है। रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता सह एमआईएम प्रदेश सचिव संजीव सुमन हड़ताल पर बैठे सफाई मजदूरों से मिल कर उसकी समस्या से रूबरू हुए। उन्होंने बताया कि मजदूरों की दयनीय स्थिति की जिम्मेदार सरकार है। इनकी समस्याओं व हालत से सरकार की दोहरी नीति और उसका दोहरा चेहरा उभर कर सामने आ रहा हैं। जो गरीबों का शोषण कर कॉर्पोरेट सेक्टर को लाभ पहुंचा रही हैं।