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भागलपुर : एक मां अपने पुत्र को न्याय दिलाने के लिए भागलपुर के सरकारी कार्यालय का बीते चार महीना से चक्कर लगा रही लेकिन नहीं तो उनका जिले के कोई वरीय अधिकारी सुनते हैं ना तो थाने पर कोई अधिकारी
नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून बिहार में सात वर्ष बीत चुके हैं। शराबबंदी कानून के जद में आए लोग अभी भी उस मंजर को याद कर फूट फूट कर रो रही हैं शराब पीने के मामले में बीते चार महीना पूर्व महिला के पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल में ही चार दिन बाद उनकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मौत के बाद परिजन ने बहुत प्रयास किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुआ है । हम बेसहारा है पति का भी साया नही है। ना अब बेटा रहा । दरअसल 13 जून को भागलपुर के रामपुर में शराब पीने के आरोप में पुलिस ने एक नाबालिक युवक को गिरफ्तार किया था। जिस पर मध्य निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया। जेल में ही चार दिन बाद मौत संदिग्ध परिस्थिति में हो गई परिजनों ने इनकी जांच करने को लेकर सड़क जाम से लेकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया था।

लेकिन 4 महीने के बाद भी ना तो कोई जांच रिपोर्ट आई। ना तो परिजनों को बताया गया कि आखिरकार मौत का वजह क्या थी .?? अब बेसहारा मां चार महीना से सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रही है वह मुढ़ी बेचकर अपना घर परिवार चलाती है उनके पास ना खाने का खाना है नहीं रहने के लिए घर अब सिस्टम से लड़ाई लड़ने के लिए उसके पास कुछ नहीं बचा है। हाथ में कागज लिए बेटे की याद में सरकारी दफ्तर पहुंचती है “कि शायद आज भी मेरे पुत्र को न्याय मिल जाए । जेल में हुई संदिग्ध मौत के बाद पूरे मामले की जांच भागलपुर के तत्कालीन एसडीएम के जिम्मे था लेकिन आज भी परिजनों को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

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