भक्त हनुमान से हुई मुलाकात.. बाली का किया वध… नवगछिया के चैती दुर्गा मंदिर में आयोजित हो रहा रामलीला
नवगछिया के चैती दुर्गा मंदिर में आयोजित हो रहें ऐतिहासिक रामलीला के छठे दिन गुरुवार को विंध्याचल व काशी से आए कलाकारो ने अध्भुत प्रस्तुति दी । लीला में शबरी के झूठे बैर खाने .. भक्त हनुमान से मुलाकात .. बालि का वध का सजीव चित्रण कर उपस्थित दर्शको का मन मोह लिया । आयोजित रामलीला के छठे दिन शबरी मिलन, राम-सुग्रीव मित्रता व बाली वध का भव्य मंचन किया गया। मंचन के पहले दृश्य में प्रभु श्रीराम, भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज में जंगल में भटक रहे हैं। दूर से उन्हें जय श्रीराम की आवाज सुनाई देती हैं। पास जाने पर देखते हैं कि एक वृद्ध महिला कुटी में प्रभु नाम का जप कर रही है। कुटी में प्रवेश करते ही महिला अपना परिचय प्रभु भक्त शबरी के रूप में देती है।
भगवान श्रीराम ने भ्राता लक्ष्मण शबरी के आश्रम में प्रवेश किया तो सुंदर भाइयों को देखकर शबरी उनके चरणों में लेट गई। उसने जल से पांव पखारकर आसन पर बैठाया और सरस कंद मूल फल अर्पण किए। प्रभु ने प्रेम पूर्वक उसे ग्रहण किया और शबरी को नौ प्रकार की भक्ति के बारे में बताया। शबरी श्रीराम के प्रेम के वशीभूत होकर उन्हें अपने झूठे बेर खिलाया। वहीं ऋष्यमूक पर्वत पर विराजमान वानर राज सुग्रीव राम और लक्ष्मण को आते देख डर जाते हैं। हनुमान जी को ब्राह्माण का रूप धारण कर उनके बारे में पता लगाने के लिए कहा। ब्राह्माण रूपी हनुमान ने प्रभु श्रीराम से पूछा कि भूमि कठोर है और आपके पैर कोमल हैं। आप किसके लिए वन में विचरण कर रहे हैं। प्रभु बोले विधाता ने जो भी कुछ लिख दिया है उसे मिटाने वाला कोई नहीं है। हम अपने पिता दशरथ का वचन मानकर यहां आए हैं। निशाचर ने हमारी पत्नी सीता को चुरा लिया है। यह वचन सुनकर हनुमान उनके पैरों में गिर गए। प्रभु की सारी बातें समझ दोनों भाइयों को कंधे पर बैठाकर सुग्रीव के पास ले गए और कहा कि यह आपकी पूरी सहायता करेंगे।
राम के पूछने पर सुग्रीव ने अपने भाई बाली के बारे में बताया कि मायावी को मारकर बाली नगर में आया। स्त्री व धन लेकर मुझे भगा दिया है। इसलिए मैं यहां निवास करता हूं। बाली को मारने के लिए राम-लक्ष्मण चले जाते हैं। दोनों भाइयों की सूरत एक समान होने के कारण वह बाली को मार नहीं पाते। दूसरे दिन सुग्रीव के गले में पहचान के लिए मोती की माला पहनाकर बाली का वध किया जाता है। सुग्रीव को किष्किंधा का राजा और बाली पुत्र अंगद को युवराज बना दिया जाता है। रामलीला के मनमोहक दृश्य दर्शकों को विभोर कर दिया।
बताते चलें कि नवगछिया नगर परिषद के चैती दुर्गा मंदिर परिसर में रामलीला का मंचन किया जा रहा है यह रामलीला काशी उत्तर प्रदेश से पहुंचे रामलीला मंडली द्वारा किया जा रहा है । इस बाबत मौके पर उपस्थित पंडित अजीत बाबा ने बताया कि भारतवर्ष के काशी विंध्याचल मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश के विनोद कुमार द्वारा आमंत्रित काशी बनारस के कलाकारों द्वारा भव्य श्री रामलीला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है यह आयोजन 28 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 05 नवंबर तक चलेगा । प्रत्येक दिन कार्यक्रम का आयोजन संध्या 8:00 बजे से रात्रि 11:00 तक किया जाता है। कथा प्रसंग के साथ झांकी की प्रस्तुति हुई रामलीला मंचन कर रहे कलाकारों ने अपने संवाद और भाव से उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया ।
वहीं कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित चैती दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष संदीप कुमार ने बताया कि नवगछिया के लिए यह गौरव की बात है कि काशी विंध्याचल के कलाकार नवगछिया में आकर रामलीला का मंचन कर रहे हैं । इसमें नगर वासी के लोग आकर रामलीला का आनंद उठा सकते हैं एवं अपनी ओर से सहयोग कर सकते हैं रामलीला को सफल बनाने में अपना भी सहयोग कर सकते हैं । वहीं गुरुवार को हजारों की संख्या में लोगों की उपस्थिति मौजूद थी रामलीला का मंचन रात्रि 11:00 बजे तक जारी था ।