मृतकों में एक आईटीआई भागलपुर का छात्र
नवगछिया के धोबिनिया कोसी घाट में छठ पूजा के दौरान तीन छात्र पानी मे डूब गए जिसमे दो की मौत हो गयी वही एक छात्र को बॉस फेंककर डूबने से बचा लिया गया।डूबने वाले छात्रों में रोमन कुमार 17 वर्ष पिता विमल कुमार और रौशन कुमार18 वर्ष पिता मणिलाल साह शामिल है, दोनो एक ही परिवार के थे।।वही पानी मे डूब रहे तीसरे छात्र बंटी कुमार पिता त्रिवेंद्र साह को सुरक्षित बाहर निकाला गया। डूबकर मरने वाले रोमन कुमार भागलपुर आईटीआई का छात्र था जबकि रौशन कुमार नवगछिया इंटरस्ट्रीय बिद्यालय में ग्यारहवी का छात्र था।दोनो छात्र माखातकिया एक्सचेंज का रहनेवाला है।डूबने वालेतीनो छात्र मित्र थे और रविवार के संध्या समय छठ घाट पर स्नान कर रहे थे इसी दौरान फिसलकर गहरे पानी मे चले गए। इस दौरान दो छात्र डूब गए जबकिं तीसरे को किनारे पर खड़े लोगो द्वारा बॉस फेका गया।बॉस पकड़कर उसने बाधर निकल कर अपनी जान बचाई।घटना के बाद घाट पर लोगो कीचीख़ पुकार और अफरातफरी मच गई। घाट पर मौजूद मुखिया प्रतिनिधि पप्पू यादव ने ग्रामीण गोताखोर को नदी में उतारा।गोताखोर ने दोनो शव को पानी से बाहर निकाला।घटना की सूचना पर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रेमसागरउर्फ डब्लू यादव,सीओ विश्वास आननद ,थनाध्यक्ष इंस्पेक्टर भारत भूषण ने घटनास्थल पर पहुचकर शव को अनुमण्डल अस्प्ताल में पोस्टमार्टम करवाया।
एकलौते पुत्र क़ई मौत से पथराई मा की आंखे
रोमन अपने माँ पिता का इकलौता बेटा था।पिता विमल कुमार की इक्षा थी कि उसका बेटा पढ़लिखकर इंजीनियर बने।इसके लिए उसने बेटे को आईटीआई में नामांकन करवा दिया था।उसकी पढ़ाई लगभग पूरी हो गयी थी ।पिता चाहते थे कि उसका बेटा जल्दी नौकरी करें और मा पिता का नाम रौशन करे लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था।इकलौते पुत्र के शव पर मा रींना देवी दहाड़ मार मार कर रो रही थी।वह बार बार अपने मृत पुत्र को झकझोर कर उठा रही रही मानो उसका पुत्र सो रहा हो।उसको विश्वास ही नही हो रहा था कि उसका बेटा अब इस दुनिया मे नही है।वही एकलौते भाई की मौत पर बहन रवीना भी फूट फूट कर रो रही थी।
बंटी ने बॉस के सहारे बचाई जान :
तीनो डूबने वाले दोस्तो में बंटी भग्यशाली रहा,उसने बॉस के सहारे अपनी जान बचाई।उसने बताया कि तीनों छठ घाट पर घूमने गए थे। इस दौरान तीनो बालू पर बालू बालू खेलने लगे।खलने के दौरान रौशन ने कहा चलो नहाते है ।हमलोग जब स्नान करने लगे तो काफी गहरे पानी मे चले गए और तीनों डूबने लगें।वे दोनो कब डूब गए पता नही चला।हम जब डूब रहे थे तो किनारे से किसी ने बॉस फेक दिया हम उसी को पकड़कर बाहर निकले जिस परिवार के दो लड़के कोसी में डूबे उस परिवार में एक दिन पहले एक बृद्ध महिला की मौत हुई थी।ग्रामीण चर्चा कर रहे थे कि छुतक होने के बाद भी दोनो घाट पर गए थे इसीलिए यह हादसा हुआ।
मा बार बार हो रही थी बेहोश:
दूसरी ओर रौशन की मौत पर उसकी मा माला देवी ,छोटा भाई विशाल बहन आँचल का रो रो कर बुरा हाल था।मा अपने पुत्र के शव पर रोते रोते बेहोश हो रही थी।
दोपहर और शाम के बीच भीषण कटाव :
कोसी घाट पर जहाँ छठ मनाने के लिए घाट तैयार किया गया था वहाँ भीषण कटाव चल रहा था। दोपहर और शाम के बीच भीषण कटाव हो गया जिससे भीषण स्थिति उतपन्न हो गयी थी।
गोताखोर के डांटने पर भी नही मान रहे थे बच्चे :
घाट पर रहे लोगो ने बताया कि घाट पर नदी किनारे पानी मे बच्चे मस्ती कर रहे थे।इस दौरान घाट पर तैनात गोताखोर ने पानी गहरा होने की बात बताते हुए लड़को को डॉट कर भगाया था लेकिन बच्चे नही माने।अगर बच्चों के पिता ने समय रहते ध्यान दिया होता तो अभी दोनो बच्चे अपने परिवार के बीच होते।