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बिहपुर: बिहार सरकार की शिक्षा पर किए जा तमाम कवायद के बावजूद प्रखंड के एकमात्र कन्या विद्यालय के समक्ष फेल होते नज़र आते हैं । एक तरफ जहाँ जहाँ शिक्षा में बदलाव के लिए तरह तरह के प्रलोभन एवं विकास के दावे के साथ बालिका शिक्षा पर बल दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ विद्यालय अभाव से जूझ रहा है । भले हीं यह विद्यालय केवल बालिकाओं के है पर विद्यालय में एक भी महिला शिक्षिका नही है । आए दिन जब बालिकाओं को प्राकृतिक समस्याएँ आती हैं तो वो शिक्षकों के समक्ष खुद को सहज नही पाती हैं । कभी-कभी बालिकाएँ प्राकृतिक समस्या के कारण पेट दर्द से जूझती हैं पर शिक्षकों को कुछ बताने में असमर्थ होती हैं । शिक्षकों के हालात तब और गंभीर हो जाती जब छात्राएँ बेहोश हो जाती हैं तब उनके समझ से परे हो जाता है की इससे कैसे निपटा जाए । विद्यालयमें आठ नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है पर इनमें एक भी शिक्षिका नही हैं ।

इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी के समक्ष जनसंवाद के क्रम में ग्रामीणों के द्वारा कराया गया था । जिलाधिकारी के द्वारा शिक्षा विभाग को ध्यान देने का निर्देश दिया गया था पर अब तक कोई पहल नही गई है । हलांकि विद्यालय के महज दो कमरों में नौवीं से अन्तर स्नातक की पढ़ाई करवाई जा रही है । जिला शिक्षाधिकारी के द्वारा भवन के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर पैसा निर्गत करने की बात भी कही गई थी पर अब तक पहल नही हो पाई है । इस समस्या को लेकर कई बार बिहपुर विधायक को भी कहा गया पर आश्वासन के अलावे कुछ हाथ नही लग पाया । ग्रमीण संजय कुमार ,नवीन कुमार , पलटु चौधरी आदि बताते हैं की विद्यालय को लेकर प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी दोनो ने ही निराश किया है ।

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