गंगा के कटाव से विस्थापित होकर वर्त्तमान स्थल पर बसे अभिया गाँव में 1936 ई से मंदिर स्थापित कर माँ काली की भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा -अर्चना किया जाता है. इस अवसर पर बडे पैमाने पर मेला भी आयोजित किया जाता है.
मेला कमिटी के अध्यक्ष पंचलाल मंडल ने बताया कि गंगा के कटाव से विस्थापित होकर हमलोग यहाँ बस गये. 1936 ई से यहाँ विधिवत वैष्णव पद्धति से माता की पूजा गाँव के ही विद्वान पंडित लड्डू झाँक व राजेन्द्र झा के द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि मैय्या बडी शक्तिशाली हैं.
जो भी यहाँ सच्चे मन से शीश झुकाते हैं. माता उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं. मनोकामना पूरी होने पर महिलाओं द्वारा खोइछा चढाया जाता है. उन्होंने बताया कि इस बार प्रशासन द्वारा अनुञप्ति नहीं दिये जाने के कारण मेला नहीं लगाया जा रहा है.