नवगछिया के सनातन भागवत धाम गोकुल आश्रम में मथुरा सुदामा कुटीर के संत परम पूज्य सद्गुरु देव पिटादीश्वर जगतगुरु श्री सुति क्षण दास देवाचार्य महाराज का आगमन गुरुवार देर शाम को हुआ। इस आश्रम में सर्व धर्म सनातन भागवत परिवार के महामंडलेश्वर संत नारायण दास जी महाराज के द्वारा उनका चरण स्पर्श एवं धोकर भावपूर्ण आरती किया गया। इस मौके पर संत परम पूज्य सुतीक्ष्ण दास द्वारा गुरु संत एवं भगवान के बीच के महत्व के बारे में बताया देवाचार्य जी महाराज सूतीक्षण दास जी ने कहा कि इस भगवान भक्त के बस में है चाहे वह सूरदास हो भक्त प्रहलाद हो सुदामा हो या अन्य भक्त हो भक्तों के साथ भगवान कभी अन्याय नहीं करते हैं। जिस तरह से जन्म के साथ ही मृत्यु होना भी निश्चित हो जाता है।
इस तरह से भगवान भक्ति एवं संत तीनों का अपना संबंध है। संत सनातन धर्म के साथ भगवान के महत्व एवं जीवन के बारे में बताते हैं उन्होंने कहा कि इस आश्रम के समीप मां गंगा बह रही है इस मां गंगा के किनारे मिथिलांचल क्षेत्र के लोगों में संतों की कथा होना अति महत्वपूर्ण है इस मौके पर सरल संत महामंडलेश्वर नारायण दास जी महाराज ने कहा कि की गुरुओं के गुरु दादा गुरु के रूप में पधारे पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री सूतीक्षण दास जी महाराज का चरण इस आश्रम में आने के बाद सब कुछ सफल हो गया जीवन भी सफल हो गया। इस मौके पर भजन कीर्तन के अलावे दो दिवसीय कथा प्रवचन का भी आयोजन किया गया है। इस अवसर पर सनातन भागवत परिवार के अध्यक्ष द्वारा संत जी महाराज का अभिवादन एवं स्वागत किया गया कि अवसर पर कई भक्त मौजूद थे।