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नवगछिया के सनातन भागवत धाम गोकुल आश्रम में मथुरा सुदामा कुटीर के संत परम पूज्य सद्गुरु देव पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री सुति क्षण दास देवाचार्य महाराज का शुक्रवार को मानव जी ने जीवन जीने के लिए संतो के जीवन के महत्व को बताया गया। इस आश्रम में सर्व धर्म सनातन भागवत परिवार के महामंडलेश्वर संत नारायण दास जी महाराज के द्वारा उनका चरण स्पर्श एवं धोकर भावपूर्ण आरती किया गया। इस मौके पर संत परम पूज्य सुतीक्ष्ण दास द्वारा संत का जीवन अपने शिष्यों अपनी अनुयायियों के लिए होता है संत के सत्संग से ही मानव जीवन का कल्याण हो सकता है इस पृथ्वी पर भगवान को जानना है

तो संत को जानना जरूरी होगा बिना संत बिना गुरु का किसी की प्राप्ति नहीं होती है इसलिए इस जीवन में हो या किसी भी जीवन में सत्संग जरूरी है संत स्वामी जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को जब भी मानव में जन्म लेना होगा तो सत्संग जरूरी हो होगा सत्संग के महत्व के बारे में बताया कि संत के संग ही सत्संग है।देवाचार्य जी महाराज सूतीक्षण दास जी ने कहा कि इस भगवान भक्त के बस में है। उन्होंने कहा कि माता-पिता एवं गुरु के अलावे अगर जीवन में किसी का स्थान होना चाहिए वह संत है संत भक्ति एवं भगवान के बीच का कड़ी होता है। संत ऐसे होते हैं जो कभी किसी से ईर्ष्या नहीं करते कभी किसी को श्राप नहीं देते संत की वाणी से अमृत की वाणी निकलता है।

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