बिहपुर:प्रखंड की सबसे बड़ी आबादी हीं नही सबसे अधीक किसानी जमीन का रकबा लगभग 10हज़ार एकड़ ऊपजाऊ जमीन वाला सोनवर्षा दियरा क्षेत्र सरकार की तमाम कवायदों के बावजूद आज तक का सबसे अधीक पीछड़ा क्षेतों में से एक है । वर्षों से किसान बिजली की बाट जोह रहे हैं । सोनवर्षा दियारा क्षेत्र जो आसपास के कई गाँव को आजीवीका का एकमात्र साधन है । एक ओर जहाँ बिहार सरकार के द्वारा किसानों को बेहद कम लागत पर खेती के लिए बिजली मुहैय्या करने को लेकर तत्पर है तो दूसरी ओर सोनवर्षा दियरा के किसान बिजली विभाग के उपेक्षाओं का दंश क्षेल रहे हैं । जनसंवाद कार्यक्रम में जिलाधिकारी के समक्ष भी सोनवर्षा दियरा में बिजली उपलब्ध करवाने को लेकर किसानों के द्वारा प्रमुखता से बात रखी गई । जिलाधिकारी के द्वारा समस्या दूर करने की बात भी कही गई ।
पर लगभग दो माह से अधीक का समय बीत जाने के बावजूद भी बिजली विभाग के द्वारा पहल नही के बराबर हीं की गई है । दियरा के किसान आज भी नदियों के पानी पर या फिर बोरिंग पर हीं आश्रित हैं । बोरिंग से खेती होने के कारण खेती में किसानों की लागत ज्यादा हो जाती है । किसान मकई जैसी खेती करने से बचते हैं क्योंकी इसमें पानी की अधीक जरुरत होती है ।चुनावी मौसम में दियरा में बिजली उपलब्ध करवाने को लेकर मुद्दा बनाया जाता है । पर वर्षों से समस्या जस की तस रखी हुई है । दियरा में डीजल तेल की समस्या होना आम बात । ऐसे में किसान पेट्रोल पंप से तेल खरीद कर दियरा लेकर जाते है तब जाकर सिंचाई हो पाती है जिससे और अधीक खर्च का वहन करना पड़ता है । प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के इस उपेक्षा से किसान त्रस्त हैं । सोनवर्षा के किसान राम बिलास कुमर बताते हैं की मकई की खेती में पैसा तो अधीक है पर आधुनिक खेती से हीं मकई की खेती संभव है । अधीक लागत के कारण कई किसान कई किसाव मकई की खेती छोड़ चुके हैं । दियरा क्षेत्र में पशुपालन खास कर गाय,भैंस एवं बकरी पालन से भी कई किसानों को रोज़गार उपलब्ध होती थी । गंगा का पानी दियरा का एकमात्र साधन है । अब गंगा में पानी कम रहता है और किनारा भी सिमटता जा रहा है । पशुपालकों को पानी के लिए मिलों दूर जानवरों को ले जाना पड़ता है जिसके कारण लोग पशुपालन से भी तौबा करते जा रहे हैं । यदि दियरा क्षेत्र में बिजली पहूँचती है तो खेती और पशुपालन और पशुपालन दोनो को बल मिलेगा । पर इस समस्या पर उपेक्षाओं के दंश ने हताश और निराश कर दिया है ।