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नवगछिया : मुक्तनगर ढोलबज्जा में संत मुक्त स्वरूप देव साहब के 110 वें जन्मोत्सव पर आयोजित चार दिवसीय विश्व कल्याण चेतना लोक कल्याण तपस्वी संत शक्ति आदर्श आचार संहिता संज्ञान महासम्मेलन पूर्वोत्तर बिहार के चर्चित संत योगेश ज्ञान स्वरूप तपस्वी की अगुवाई में किया जा रहा है।
जिसमें देश-प्रदेश के कई विद्वत संतों का पदार्पण हुआ है। जिसमें संत अखण्डस्वरूप साहेब ने कहा कि सत्संग करने से मनुष्य के बुरे विचार अपने आप नष्ट हो जाते हैं। सत्संग से ही मनुष्य जीवन में अच्छे बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। बुरे व्यक्तियों के साथ रहेंगे तो बुरे विचार ही आएंगे। जबकि सत्संग मात्र से ही मनुष्य का कल्याण संभव है। जिन बातों से आत्मा को लाभ नहीं हो और उन बातों में रात दिन लगे रहो तो यह घाटे का सौदा है। क्याेकि जीवन का अंत कब हो जाए यह पता नहीं है।
भारत की भूमि पर जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति योग्य होता है। केवल उसे अपनी योग्यता के ज्ञान का अभाव है। विश्व को प्रबोधन देने की क्षमता जितनी भारतीयता में है, उतनी किसी देश में नहीं है।
अन्य संत महात्माओं ने कहा कि व्यक्ति को अच्छा जीवन जीने की कला सीखनी चाहिए। दुनिया में सारी कला सीख लेने पर भी यदि जीने की कला न हो तो सब कला अधूरी है। जब तक कथनी को जीवन में रूपांतरित नहीं किया जाता जीवन मात्र दिखावा होता है। आज का मानव दोहरा जीवन जीता है। रात को शराब का प्याला और सवेरे पानी छानकर पीता है। व्यक्ति को शुद्ध आहार लेना चाहिए। आदमी स्वयं के भाग्य का निर्माता होता है। वह उसे बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है इसलिए व्यक्ति को अपने कर्म को स्वच्छ रखना चाहिए। कर्म ठीक होंगे तो व्यक्ति का जीवन भी ठीक होगा। आज सद्भावना और सहनशक्ति की कमी से सामूहिक परिवार टूट रहे है। आयोजन को सफल बनाने में ढोलबज्जा थानाध्यक्ष प्रभात कुमार, पूर्व मुखिया राजकुमार उर्फ मुन्ना मंडल, ढोलबज्जा सरपंच सुशांत कुमार, जदयू प्रदेश सचिव प्रशांत कुमार कन्हैया, विकाश भारती, खंतर मंडल, संजीत कुमार, बुलेट कुमार, मंटू कुमार सहित दर्जनों सक्रिय कार्यकर्ताओं की महत्ती भूमिका रही।

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