लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा का वातावरण शुरू हो चुका है. बुधवार को नहाय खाय (कद्दू भात) के साथ ही चार दिवसीय इस महापर्व का अनुष्ठान आरंभ हो गया. कद्दू भात पर्व को लेकर श्रद्धालु व छठ व्रतियों ने नवगछिया के गोपालपुर , रंगरा ,बिहपुर सहित कई प्रमुख नदियों में डुबकी लगायी.
साथ ही छठ व्रत को लेकर पूजन सामग्री की खरीदारी भी की. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे बड़े सभी घाटों की साफ-सफाई को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. दूसरी तरफ शांतिपूर्ण छठ पर्व संपन्न कराने को लेकर नवगछिया पुलिस जिला प्रशासन काफी मुस्तैद दिख रही है. लोक आस्था के इस पर्व पर पूजन सामग्री को लेकर शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाजार सज गया है.
माना जाता है कि हिंदु समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार होने की वजह से तैयारी भी उसी तरह की जा रही है. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में छठ पर्व को पारंपरिक तरीके से मनाने का चलन रहा है. इस पर्व को सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुये इन दिनों गांवो और शहरों के गली मोहल्ले में छठ गीतों की धूम मची हुई है. मोबाइल, टीवी, आडियो के जरिये हर जगह तरह-तरह के छठ गीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो चुका है.
नहाय-खाय को लेकर चालीस से साठ रुपये तक कद्दू की बिक्री हुई. बुधवार को कद्दू भात के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू गया . नहाय खाय में कद्दू का एक अलग ही महत्व है. कद्दू भात के साथ शुरू होने वाले इस महापर्व के दूसरे दिन खरना की तैयारी भी शुरू की दी गयी है. छठव्रती व श्रद्धालुओं ने गेंहूं सहित अन्य सामग्रियों की साफ-सफाई कर खरना का तैयारी प्रारंभ कर दिया है. शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया जायेगा.
जबकि शनिवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही चार दिवसीय इस महापर्व का समापन हो जायेगा.
खरीदारी को लेकर उमड़ने लगी भीड़
छठ पर्व को लेकर नवगछिया सहित आस पास के ग्रामीण विभिन्न बाजार पूजन सामग्री से सज चुका है.