खबर का असर
नारायणपुर : जेपी कॉलेज नारायणपुर डॉ सत्येंद्र कुमार को प्राचार्य बनाया गया है, लेकिन चार महीना पूरा हो जाने के बाद भी वित्तीय प्रभार अभी तक नहीं दिया गया है। विश्वविद्यालय में फाइल कहां गुम हो गया था इसका किसी को पता नहीं था। वित्तीय प्रभार नहीं मिलने से कॉलेज कर्मी सहित छात्रों का कई काम रुका हुआ है। इसकी जिम्मेदारी ना तो कॉलेज और ना ही विश्वविद्यालय लेने के लिए तैयार है । वित्तीय प्रभार नहीं मिलने और शिक्षक की कमी को दूर करने के लिए कई बार कॉलेज में छात्रों ने धरना भी दिया है। प्राचार्य,कॉलेज कर्मी ने भी वित्तीय प्रभार नहीं मिलने के कारण महाविद्यालय संचालन में जो समस्या उत्पन्न हो रही है इस बारे में भी विश्वविद्यालय को अवगत करवाया है। लेकिन अभी तक वित्तीय प्रभार नहीं मिल पाया है। छात्र तो भी यह भी कहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रबंधन कछुआ से भी धीमी चाल में चलता है। मंगलवार के अंक में दैनिक जागरण ने ‘जेपी कॉलेज के प्राचार्य के वित्तीय प्रभार की फाइल हो गई गुम’ शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया ।
जिसका असर देखने के लिए मिला कि मंगलवार को विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुलपति ने वित्तीय प्रभार के फाइल पर हस्ताक्षर कर दिया है। परंतु हस्ताक्षर कर देने मात्र से डॉ सत्येंद्र कुमार को वित्तीय प्रभार अभी मिलने वाला नहीं है। अभी भी इसमें पेज फंसा है, क्योंकि कुल सचिव गृजेश नंदन निलंबित है । लेकिन सोचने वाली बात यह है कि यदि वह निलंबित है तो कुल सचिव के प्रभार में कोई जरूर होंगे। उनके प्रभार में जो भी है वह भी इस काम को कर सकते हैं । अब देखना यह होगा की कुल सचिव निलंबन के बहाने फिर से इस फाइल को कहीं गुम तो नहीं किया जाएगा अर्थात फ़ाईल को इस बहाने फिर से ठंडा बस्ता में दिया जा सकता है और फाइल को खोजने में फिर चार महीना लग सकता है।