नवगछिया स्थित श्रीशिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सानिध्य में अक्षय नवमी पुण्य प्रद सत्संग का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के शुरुआत में सुबह पांच बजे स्वामी आगमानंद जी महाराज के निर्देशन में उपस्थित आर्चायों द्वारा मंगल आरती, वेदपाठ, देवपूजन, महा रुद्राभिषेक तथा हवन का आयोजन किया गया. अक्षय नवमी के मौके पर दिन के बारह बजे से दो बजे तक दीक्षा का कार्यक्रम हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने दीक्षा लिया.
संध्या में कई प्रमुख कलाकारों द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया. दिनभर भक्तों का आना-जाना लगा रहा, चारों तरफ योगपीठ में भक्तिमय माहौल बना रहा. अक्षय नवमी पूरे भागलपुर जिला में एक मात्र जगह शिवशक्ति योगपीठ में भारी उत्साह के साथ मनाया गया. यहां पर कई जिलों से भक्त आकर स्वामी आगमानंद जी महाराज के मुखारविंद से कथा का आनंद लिए उसके बाद विशेष संध्या महाआरती का आयोजन किया गया.
तत्पश्चात स्वामी जी अपने मुखारविंद से अक्षय पुण्य प्रद सत्संग से सभी भक्तों को भावविभोर किये. अक्षय नवमी के मौके पर स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा की हिंदू धर्मों के सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक अक्षय नवमी है. जिसे कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है. अक्षय नवमी के दिन किए गए दान या किसी धर्मार्थ कार्य का लाभ व्यक्ति को वर्तमान और अगले जन्म में भी प्राप्त होता है.
अक्षय फल देने वाली अक्षय नवमी का दिन है, इसमें जप दान स्नान आदि का अच्छा फल होता है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी के रूप में भी जाना जाता है, कहा जाता है कि आवला भगवान विष्णु का पसंदीदा फल है. आवले के वृक्ष में सभी देवी देवताओं का निवास होता है, इसलिए इसकी पूजन करने से इसका विशेष महत्व है.