इसी माह सिमरा में होना था उपनयन संस्कार
नवगछिया : जहां बजाना था बैंड बाजा वहां पसरा है मातम । नवगछिया के सिमरा गांव में इसी महीने धूमधाम से उपनयन संस्कार होना था म उपनयन संस्कार में आदित्य और उसके सभी भाइयों का धूमधाम से उपनयन करने की तैयारी थी । बैंड बाजा की बुकिंग हो चुकी थी हलवाई की भी बुकिंग हो गई थी और रिश्तेदारों को भी जानकारी दे दी थी लेकिन इसी बीच गुरुवार को आदित्य के डूबने से हुई मौत की खबर से मातम छा गया है ।
नवगछिया नगर परिषद क्षेत्र के सिमरा गांव के नरेंद्र झा के पोता आदित्य कुमार झा की डुबने से हुई मौत पर घर परिवार सहित पूरे गांव में मातम का माहौल है। मृतक के पिता अविनाश कुमार झा आर्मी के जवान है।वह जम्मू में पोस्टेड है। वह जम्मू से पुत्र की डुबने की सूचना सुनकर घटनास्थल छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंच रहे हैं। वही आदित्य की मां की भी ऐसे ही सूचना मिली हैं । वह गुरुवार दोपहर बाद भागलपुर से अकेली निकल पड़ी है । शुक्रवार सुबह रायपुर पहुंचने की सूचना परिजनों को मिला है। मृतक आदित्य कुमार झा का शव एसडीआरएफ टीम के द्वारा बरामद कर लिया गया है। पोस्टमार्टम हेतु परिजन के लिए इंतजार में है। वही इस घटना के बाद पूरे परिवार में मातम का माहौल है । आदित्य झा अविनाश झा एवं ममता देवी का इकलौता पुत्र था। जो बड़ी काफी मेहनत कर बच्चों को बी टेक पढ़ाई के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर कलिंगा इंस्टिट्यूट में नामांकन कराया था। लेकिन इस जलाशय में काल के गाल में वह समा गया। मृतक का तृतीय वर्ष था मैं कुछ महीने बाद ही वह इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर के कैंपस सिलेक्शन के लिए तैयार होने वाला था।घर में उसके उपनयन की तैयारी भी चल रही थी। इसी माह के अंत तक उपनयन करने का भी था लेकिन होनी को कौन टाल सके। घटना की सूचना पर उसके दादा नरेंद्र झा एवं ग्रामीण वहां पर पहुंचकर घटना की जानकारी ले रहे थे। दादा नरेंद्र झा ने बताया कि काफी होनहार आदित्य था। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। मृतक आदित्य के दादा नरेंद्र सिंह 1995 में आर्मी से सेवानिवृत होने के बाद अपने दो पुत्र को भी सेवा में भर्ती कारण जहां पर छोटा पुत्र इसी वर्ष सेवानिवृत हुए हैं वहीं आदित्य के पिता अभी जम्मू में कार्यरत है . आदित्य अपनें माता-पिता का एकलौता संतान था। मैट्रिक परीक्षा की तिथि आ जाने के कारण 14 फरवरी को उपनयन नहीं हुआ नहीं तो सरस्वती पूजा के दिन ही उपनयन होता। दादी भवानी देवी कहती है कि दशहरा में जब वह आया था तो कहता था कि उपनयन में जरूर आएंगे पढ़ाई भी तब तक पूरी हो जाएगी। घटना के बाद से पूरे गांव में गमगीन माहौल है हर कोई जानने के बाद स्तब हो जा रहा है ।