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आश्रम टोला में पेड़ के नीचे नहीं लगाया है जाल

नवगछिया – विलुप्तप्राय पक्षी माने जाने वाले भगवान विष्णु के वाहक गरुड़ की प्रजजन स्थली के रूप में विश्व प्रसिद्ध कदवा दियारा में इन दिनों लगातार गरूड़ के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. दुनिया भर में विलुप्तप्राय पक्षी गरूड़ के प्रजनन स्थल के रूप में जहां कदवा दियारा का तीसरा स्थान है. खैरपुर कदवा पंचायत के आश्रम टोला में अरुण यादव के बासा पर एक पेड़ से गिरकर गरुड़ की मौत हो गयी. पेड़ के नीचे जाल नहीं लगाया गया था. इसलिए पेड़ से गिरने से एक गरुड़ की मौत हो गई. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हमलोगों ने कई बार वन विभाग के कर्मियों को इसकी जानकारी दी भी लेकिन फिर भी इसे अनसुना कर दिया गया.

मालूम हो कि कदवा दियारा क्षेत्र में इन दिनों लगातार कई गरुड़ की मौत भी हो चुकी है तथा पेड़ पर से गिरकर भी कई गरुड़ घायल हो गए हैं. लेकिन वहां पर वन विभाग की ओर से गरुड़ के गिरने से बचाव के लिए जाल नहीं लगाया गया है. सिर्फ कुछ ही जगहों पर जाल लगाकर खानापूर्ति कर दी गई है. जबकि बिहार सरकार की ओर से गरुड़ों की देखरेख के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपये का आवंटन किया जाता है.

कहती हैं डीएफओ: वहीं डीएफओ श्वेता कुमारी ने बताया कि पेड़ पर से गिरने से कई गरूड़ की मौत की सूचना मिलने पर कदवा गयी थी और इसकी जांच की हैं. मौत के कारण का पता लगाया जा रहा है. जहां जाल नहीं लगाया गया है, वहां जाल लगवाया जाएगा.

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