नवगछिया : अभिषेक का शव गांव पहुंचते ही लोगों की आंखें नम हो गयी. एम्बुलेंस शव को लेकर जैसे ही दरवाजे पर पहुंचा. घर और गांव की महिलाएं चीत्कार मार कर रोने लगी. पूरे गांव के लोग अभिषेक के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे. गांव के सभी लोगों की आंखें नम थी. परिजनों ने बताया कि तीनों पुत्र में सबसे काबिल और होनहार अभिषेक ही था. अभिषेक सीबीएससी से मैट्रिक पास कर जेइइ की तैयारी करने के लिए पिता ने राजस्थान के कोटा भेज दिया. मुखिया प्रदीप मंडल के तीन पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र आजाद मारवाड़ी कॉलेज भागलपुर में 12वीं की पढ़ाई करता है. छोटा पुत्र नंदन आसनसोल में 10वीं की पढ़ाई कर रहा है. अभिषेक कोटा में रह कर पढ़ाई करता था.
शुक्रवार की सुबह मुखिया के पुत्र अभिषेक ने आत्महत्या कर ली थी. छात्र के कमरे से बदबू आने पर कुछ लोगों ने उसका दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर पुलिस को सूचित किया. पुलिस को उसके कमरे से पीले पेपर पर सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था ”पापा, मुझसे नहीं हो पायेगा, मैं जेइइ नहीं कर पाऊंगा. मुझमें आपसे बोलने की हिम्मत नही है. आई क्विट”.
मां शीला देवी दहाड़ मार कर रो रही थी. बहन ऋतु देवी व नीतू देवी जार बेजार रो रही थी. बहन कह रही थी सबसे दुलरवा भैया चला गया. अभिषेक का अंतिम संस्कार गंगा नदी किनारे तिनटंगा करारी घाट पर किया गया. अभिषेक को अग्नि बड़ा पुत्र आजाद ने दिया.