बालू माफिया सबको पिला रहा गर्म – ठंडा पानी
@ बकौल खान निदेशक अब नए उपाय के तहत कंट्रोल एंड कमांड से होगी बालू घाटों की निगरानी। सर्किट हाउस व स्टेडियम में बन रहे कार्यालय में सेंटर संचालित होगा। गाड़ियों के नंबर पर कैमरों की नजर रहेगी। इस घोषणा के बाद भी पुलिस डाल – डाल तो बालू माफिया पात – पात।
प्रदीप विद्रोही
भागलपुर । आखिर बालू घाटों की निगरानी हो तो कैसे हो ! बालू माफिया के पैंतरों के आगे पुलिस प्रशासन के हर मंसूबे फेल साबित हो रहे हैं। बालू माफिया सबको पानी पिला रहा है। किसी को गर्म तो किसी को ठंडा। एक – दो दिन के अंतराल में इस अवैध कारोबार से जुड़े बालू लोड वाहन पुलिस द्वारा पकड़े भी जाते हैं। फिलहाल, परिणाम वही ढाक के तीन पात. धंधा रुकता नहीं है। रात के अंधेरे में बालू घाटों में माफियाओं की सरगर्मी बढ़ जाती है और भोर होते ही सब कुछ शांत – स्थिर हो जाता है। सिस्टम को मैनेज करने की यह कला सर्वविदित है। सरकार की ओर से लाल बालू के काले धंधे पर लगाम लगाने के लिए अब कुछ नए उपाय ढूंढे गए हैं। देखना होगा कि यह ताजा उपाय कितना कारगर साबित होता है।
हाल ही में इस अवैध धंधे पर लगाम के लिए कई निर्णय लिए गए जिसमें बालू घाटों की निगरानी कंट्रोल एंड कमांड से होगी, सर्किट हाउस और स्टेडियम के बीच बने कार्यालय में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया
जाएगा। मालूम हो कि इसी कार्यालय से पूरब में शहर में लगे सीसीटीवी की मॉनिटरिंग हो रही थी। अब इसे खनिज विभाग के जिम्मे सौंपा जाएगा। यहां खनिज विभाग के निरीक्षक बैठकर बालू घाटों और ओवरलोड ट्रकों की निगरानी करेंगे। हाल ही में खान निदेशक ने निर्देश दिए थे कि जिन बालू घाटों का ठेका हो चुका है, वहां सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। बालू घाटों से निकलने वाली गाड़ियों के नंबर पर कैमरों की नजर रहेगी और मुख्यालय से इन पर निगरानी की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया था कि बालू घाटों के धर्मकांटा पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे इस प्रकार स्थापित किए जाएं कि बालू लदे वाहनों के आगे और पीछे के स्पष्ट वीडियो मिल सकें। वाहन का निबंधन संख्या भी स्पष्ट प्रदर्शित हो। क्या इन निर्देशों का पालन फिलहाल हो रहा है !
सहायक निदेशक और खनिज विकास पदाधिकारी को भेजे पत्र में खान निदेशक मो. नैय्यर इकबाल ने कहा था कि विभाग द्वारा स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से बालू घाटों पर बंदोबस्तधारियों द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। बालू घाटों पर लगे कैमरों का फोकस सही नहीं है, जिसके कारण वाहनों की निगरानी नहीं हो पा रही है। बंदोबस्तधारियों द्वारा कैमरों का अधिष्ठापन केवल खानापूर्ति के रूप में किया गया है। स्पष्ट वीडियो सुनिश्चित किए जाएं और साथ ही धर्मकांटा का व्यू भी मिल सके। धर्मकांटा के ऊपर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरा भी स्थापित किया जाए, जिससे वाहनों में लदे बालू का स्पष्ट वीडियो प्राप्त हो सके। जिस मार्ग से वाहन बालू घाट में प्रवेश करते हैं, वहां भी सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए।
इतना ही नहीं, जगदीशपुर और सन्हौला चेकपोस्ट से भी निगरानी की जाएगी। जगदीशपुर, नाथनगर, बांका, अमरपुर, शाहकुंड होकर आने वाले ट्रकों पर निगरानी जगदीशपुर चेक पोस्ट से होगी। सन्हौला और बांका से आने वाले ट्रकों की निगरानी सन्हौला चेकपोस्ट से होगी। चेकपोस्ट पर विभाग के निरीक्षक रहेंगे। ट्रक और कागजात दोनों की स्कैनिंग की जाएगी। सन्हौला में अंचल कार्यालय के समीप और जगदीशपुर में बायपास थाना के समीप चेकपोस्ट पर सीसीटीवी सहित दो 32 इंच का डिस्प्ले मॉनिटर, कंप्यूटर या लैपटॉप लगेगा। साथ ही इंटरनेट की व्यवस्था भी रहेगी। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दोनों स्थानों पर चेकपोस्ट के निर्माण में 15 लाख रुपये खर्च होंगे. गैंट्री चेकपोस्ट (लोहे के बैरियर) स्थल पर दो कमरे का भवन बनेगा, जो सीसीटीवी से लैस होगा। पोर्टेबल केबिन से बैरियर पर लगे हाई क्वालिटी स्कैनर मशीन की सहायता से लोडेड ट्रकों की स्कैनिंग हो सकेगी। ट्रक चालकों द्वारा दिए गए कागजातों की भी स्कैनिंग होगी। इससे नदी से बालू लोड कर निकलने वाले ट्रकों की निगरानी की जा सकेगी। साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि ट्रक पर बालू अंडरलोड है या ओवरलोड।
कुलमिलाकर खान निदेशक के ऐसे सारे निर्देश आज की तारीख में हवा में झूल रहे हैं। ऐसे में लाल बालू की काली कमाई पर अंकुश बेमानी साबित हो रहा है। एक – दो बालू लोड ट्रेक्टर पकड़े जा रहे हैं। फिलवक्त, बड़े कारोबारी का धंधा बेरोकटोक रात के अंधेरे में बदस्तूर जारी है।