5
(1)

नवगछिया। पाँच विकारों के कारण आत्मा की हो रही दुर्गति से रक्षा करने हेतु आत्मिक स्थिति एवं ईश्वरीय स्मृति में रहने के अभ्यास करने के यादगार में ही रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। उक्त बातें ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र चकरामी नारायणपुर में रक्षा बंधन के पर्व का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए ब्रह्माकुमारी ऋचा बहन नें कही। इस अवसर पर राजयोगी डॉ सुभाष कुमार विद्यार्थी नें कहा कि आत्मा में जब अच्छे गुण और संस्कार आते हैं तब वही आत्मा गुण और संस्कार के बदौलत पुण्यात्मा, धर्मात्मा, महात्मा, देवात्मा कहलाते हैं।

उसी आत्मा में गलत विचार और कुसंस्कार प्रविष्ट हो जाता है तो वही आत्मा पापात्मा, दुष्टात्मा आदि कहे जाते हैं। अवगुण एवं कुसंस्कार से रक्षा कर ही हम आत्मा को महान बना सकते हैं तभी हमारे परिवार, समाज और राष्ट्र में सुख शांति और खुशियाली संभव है। इस अवसर पर राजयोगी लड्डू भाई, ब्रह्मकुमार शांति शरण सिंह, अनोज कुमार यादव, सुंदर पोद्दार, रतन भाई, सुशांत भारती, चुल्हाय दास, राजयोगिनी बहन संध्या, यशोदा, करुणा, रेणु भारती, पुष्पा, मधु, शिरोमणि, अनारकली, मीना, रेखा सहित कई भाई बहन उपस्थित थे जिन्हें राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ऋचा बहन के द्वारा ईश्वरीय स्मृति में राखी बाँधी गई।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: