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आत्मा में ही परमात्मा का ज्ञान है। यह बात धर्माचार्य नारायण दास जी ने श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ पुराण के मौके पर इस्माइलपुर दुर्गास्थान प्रांगण में कहीं उन्होंने कहा कि आत्मा में ही परमात्मा है अगर हम लोग वेद पुराण भागवत सभी का अर्थ है आम लोगों पर कल्याण करना गरीबों का सहायता करना उन्होंने कहा कि अगर हम लोग ग्रंथ एवं वेदों के अनुसार चले तो हम लोगों को या किसी भी जीवात्मा को किसी भी तरह का परेशानी नहीं होगा। इस भागवत कथा से पूर्व हनुमान चालीसा भागवत भजन एवं दुर्गा पाठ भी किया जाता है।

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