– अनुमंडल अस्पताल पहुंचे सीएस ने डीएस को दिया आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश
– सीएस ने डा बरूण द्वारा किये गये कार्य का किया अवलोकन, पूर्व में खर्च किये गये पैसे डा बरूण को दिये जायेंगे
नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में मृतक के परिजनों और स्वीपर की किचकिच अब हमेशा के लिए खत्म होने जाने की उम्मीद जगही है. शुक्रवार को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचे भागलपुर के सीएस डा उमेश शर्मा ने इस समस्या पर कहा कि स्वीपर को अब पैसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जायेगा.
उन्होंने मौके पर ही मौजूद नवगछिया अस्पताल के उपाधीक्षक डा अरूण कुमार सिन्हा को मामले को आवश्यक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. मालूम हो कि अक्सर देखा जाता है कि जब किसी मृतक के परिजन पोस्टमार्टम करवाने नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल आते हैं तो उनसे स्वीपर द्वारा अनाप शनाप पैसे की मांग की जाती है.
स्थिति ऐसी हो जाती है कि मृतक के शोक संतप्त परिजन पैसे देने से मना कर देते हैं तो मृतक का पोस्टमार्टम ही शुरू नहीं हो पाता है. थक हार कर परिजनों को पैसे देने ही पड़ते हैं. ऐसा नहीं कि सिर्फ आम लोगों का यह हाल है. अगर किसी थाना क्षेत्र में लावारिस लाश मिले और पुलिसकर्मी भी मृतक का पोस्टमार्टम करवाने आते हैं तो उनसे भी पैसे लिये जाते हैं.
अनुमंडल अस्पताल प्रशासन का इस बाबत कहना था कि स्वीपर प्राइवेट स्टॉफ है और विभाग या सरकार द्वारा उसे किसी भी तरह का मेहनताना नहीं मिलता है. इसलिए पोस्टमार्टम करवाने आये परिजनों से ही रकम दिलवाना मजबूरी है.
भागलपुर के सीएस उमेश शर्मा द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक को इस संदर्भ में निर्देश दिये जाने के बाद उम्मीद जगी है कि अब मृतक के परिजनों का शोक की स्थिति में दोहन नहीं होगा.