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नवगछिया के जगतपति नाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर हो रहा भव्य आयोजन

नवगछिया के गोपाल गौशाला स्थित जगतपति नाथ महादेव मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन पिछले कई वर्षों से अनवरत रूप से होता आ रहा है, और इस बार भी श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का बड़ा उदाहरण बना हुआ है।

शिव बारात और झांकी की शानदार प्रस्तुति

महाशिवरात्रि के पहले दिन, बुधवार को शिव बारात का आयोजन किया गया। इस दौरान धार्मिक उत्साह और आस्था से भरपूर वातावरण था। शिव बारात में न केवल पारंपरिक रूप से शिव और पार्वती की महिमा का बखान किया गया, बल्कि कलाकारों ने अनोखे करतब और मनमोहक झांकियों की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिनमें श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कलाकारों की कला और जोश ने इस आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया। इस दौरान लोगों ने झांकियों का भरपूर आनंद लिया और भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

पूजा, आरती और भव्य भजन संध्या

बुधवार रात्रि को बाबा महादेव और मैया पार्वती की प्रतिमाओं की स्थापना की गई। प्रतिमाओं की स्थापना के बाद गुरुवार को पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन हुआ, जिसमें मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। संध्या समय एक भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें लखनऊ से आए कलाकारों ने अपनी सुर और संगीत से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। भजन संध्या में विशेष आकर्षण का केंद्र अग्नि प्रदर्शनी और गौरा के साथ की झांकी रही, जो दर्शकों के बीच काफी चर्चित रही। इन झांकियों में भगवान शिव के दर्शन और उनसे जुड़े धार्मिक पहलुओं को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया गया, जो सभी को भावविभोर कर गया।

महाशिवरात्रि के इस भव्य आयोजन के दौरान, श्री श्री 108 श्री महाशिवरात्रि कमेटी द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस सम्मान समारोह में आमंत्रित साधु संतों, धर्मगुरुओं और आयोजक कमेटी के सदस्यों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में श्रद्धालुओं और भक्तों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई और आयोजन की सफलता के लिए आयोजकों का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन की बढ़ती भव्यता और उत्साह ने यह साबित कर दिया कि महाशिवरात्रि के प्रति लोगों की श्रद्धा निरंतर बढ़ती जा रही है।

आज शुक्रवार को बाबा भोलेनाथ और मैया पार्वती की स्थापित प्रतिमाओं का शोभा यात्रा के बाद विसर्जन किया जाएगा। इस शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे और भव्य तरीके से प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए साथ चलेंगे। यह विसर्जन परंपरागत रूप से महाशिवरात्रि के उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जिसमें श्रद्धालु अपने आस्था के साथ उत्साह से हिस्सा लेते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बनता है।

शनिवार को संध्या समय भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस भंडारे में 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की जाएगी। यह भंडारा पूरी तरह से श्रद्धा, आस्था और सेवा का प्रतीक होगा। भक्तों को प्रसाद वितरण के दौरान आयोजन समिति के सदस्य पूरी तत्परता से अपनी सेवा देंगे। यह भंडारा न केवल धार्मिक आयोजन का हिस्सा होगा, बल्कि यह समाज में परस्पर सहयोग और समरसता को भी बढ़ावा देगा।

महाशिवरात्रि के इस भव्य आयोजन ने यह साबित कर दिया कि यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने वाला आयोजन है। इस तरह के आयोजन से न केवल धर्म की अनुभूति होती है, बल्कि समाज में समरसता और प्यार का भी वातावरण बनता है। हर वर्ष इस आयोजन में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, और यह आयोजन अब स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा धार्मिक पर्व बन चुका है।

आयोजन के सफल संपन्न होने की उम्मीद जताते हुए आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है और आगामी वर्षों में इस आयोजन को और भी भव्य रूप में आयोजित करने का संकल्प लिया है।

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