भागलपुर : देशभर में गणेश उत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाता है, इस वर्ष उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर मंगलवार से प्रारंभ होगा और बप्पा की विदाई गणपति विसर्जन 28 सितंबर को होगा, हिंदू धर्म में रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है, गणपति की पूजा से ही किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत होती है, यू तो महाराष्ट्र का गणेश उत्सव काफी खास माना जाता है लेकिन बिहार के भागलपुर में भी गणेश उत्सव को लेकर खासी धूम मची हुई है, इस बार भागलपुर के सोनापट्टी स्थित गणेश मंदिर की प्रतिमा काफी आकर्षन का केंद्र बना हुआ है ,इस बार एक मूर्ति 11 फीट ऊंची 61 किलो सुपारी से तैयार किया गया है, जिसमें खाने वाले सुपारी और पूजा करने वाले सुपारी दोनों का प्रयोग करके आकर्षक डिजाइन की प्रतिमा को मूर्तिकार रंजीत पंडित और गौतम पंडित ने तैयार किया है, इस गणपति बप्पा के प्रतिमा को तैयार करने में मूर्तिकार को 4 महीने का समय लगा है,
कलाकार इस प्रतिमा को अंतिम रूप दे चुके हैं, प्रतिमा काफी आकर्षक दिख रहा है , इस प्रतिमा को तैयार करने में खास तरह की मिट्टी का उपयोग किया गया है मूर्तिकार इस खास मिट्टी में सुपारी को काफी बारीकी से चिपका कर काफी अनोखे और आकर्षक डिजाइन तैयार करते दिख रहे हैं, गौरतलब हो की भागलपुर सोनापट्टी में यह गणेश उत्सव का 34 वां साल है जहां हर वर्ष अलग-अलग तरह से प्रतिमा को तैयार किया जाता है कभी अक्षद कभी बेलपत्र कभी धान तो कभी हल्दी की प्रतिमा तैयार की जाती है इसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं।
वही पूजा समिति के महंत विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि भागलपुर सोनापट्टी के गणेश मंदिर में हर साल अनोखी मूर्ति तैयार होती है ,इस बार गणपति बप्पा की प्रतिमा हर वर्षों से अलग और खास है क्योंकि इस बार श्री गणेश की प्रतिमा पूजा करने वाले सुपारी और खाने वाले सुपारी से तैयार किया गया है, क्योंकि हिंदू शास्त्रों में सुपारी को जीवंत देव का स्थान दिया गया है, माना जाता है कि इसमें समस्त देवताओं का वास होता है इसी वजह से इस बार 61 किलो सुपारी से 11 फीट ऊंचा गणपति बप्पा का प्रतिमा तैयार किया गया है। मूर्तिकार सुपारी से डिजाइन बनाने के लिए खाने वाली और पूजा करने वाली दोनों तरह की सुपारियों का प्रयोग किए हैं, खाने वाली सुपारी बड़ी और गोल होती है वहीं पूजा की सुपारी आकार में छोटी और शीर्ष पर शिखर जैसा आकार लिए होती है जिसके चलते मूर्ति पर उकेरी गई डिजाइन काफी आकर्षक दिख रही है।
मूर्ति बना रहे कलाकार रंजीत पंडित ने बताया कि इस बार भागलपुर में 11 फीट ऊंची गणेश जी की प्रतिमा काफी अनोखी है , इस बार गणपति बप्पा 61 किलो सुपारी से तैयार किया जा रहा है यह सुपारी पूजा करने वाले सुपारी और खाने वाले सुपारी दोनों को मिलाकर बनाया जा रहा है, वहीं उन्होंने बताया कि खाने वाली सुपारी बड़ी और गोल होती है वही पूजा की सुपारी आकार में छोटी और शीर्ष पर शिखर जैसा आकार लिए होती है जिससे डिजाइन बनाने में हमलोगों को काफी सुविधा होती है, यह प्रतिमा 4 महीने पहले से तैयार किया जा रहा है जिसमें खास तरह की मिट्टी लगाकर उसमें सुपारी को सटाया जाता है जिससे प्रतिमा तैयार की गई है। भागलपुर के सोनापट्टी स्थित श्रीगणेश मंदीर की प्रतिमा हर वर्ष आकर्षण का केंद्र बनी रहती है इससे पहले कभी हल्दी की प्रतिमा तो कभी धान की प्रतिमा तो कभी अक्षत की प्रतिमा बनाई गई है।
वही कलाकार गौतम पंडित ने बताया कि 11 फीट ऊंची मूर्ति भागलपुर में काफी आकर्षक का केंद्र बन रही है सुपारी से मूर्ति को बनाने का खास मकसद है की श्रीगणेश की पूजा बिना सुपारी के संभव नहीं है इसलिए इस बार खास सुपारी से ही गणपति बप्पा की मूर्ति बन रही है, हिंदू शास्त्र में सुपारी को जीवंत देव का स्थान प्राप्त है ,माना जाता है कि इसमें समस्त देवताओं का वास होता है यही वजह है कि किसी भी देवता की पूजा अर्चना कर रहे हैं और हमारे पास उनकी प्रतिमा ना हो तो उसके स्थान पर सुपारी रखी जाती है।