नवगछिया। अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के राष्ट्रीय कार्यालय, शुजापुर नाथनगर में स्वामी विवेकानंद की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुसूदन झा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित किया, बिना किसी धर्म को कमतर बताए। युवा संचालक सह मीडिया प्रमुख कुमार गौरव ने युवाओं से अपील की कि वे फिल्मी अभिनेताओं के बजाय विवेकानंद को अपना आदर्श बनाएं।
तिलकामांझी विश्वविद्यालय के कुलगीतकार आमोद कुमार मिश्र ने बताया कि स्वामी विवेकानंद का भागलपुर से गहरा नाता था। उन्होंने 15 से 22 जुलाई 1890 तक बरारी में ध्यान किया था। बरारी स्थित ध्यान कक्ष का जिक्र करते हुए डॉ. मनजीत सिंह किनवार ने कहा कि यह स्थान अब बंद रहता है। नगर निगम ने इसे प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है, और वहां तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है। उन्होंने मांग की कि स्मारक को आमजनों के दर्शन के लिए खोला जाए और वहां तक सड़क बनाई जाए।
कवि राजकुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद किसी जाति या देश के नहीं, बल्कि पूरे विश्व के मार्गदर्शक हैं। कार्यक्रम में डॉ. अमरेंद्र, पूर्णेंदु चौधरी, गौरव कुमार यादव, सूरज कुमार जायसवाल, और रौशन वर्णवाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।