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देशभर के 19 राज्यों से 150 वरिष्ठ वैज्ञानिक पहुंचे

भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित 12वीं अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना की चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ 11 फरवरी को किया गया। इस उद्घाटन समारोह में आईसीएआर के उप महानिदेशक (उद्यान) प्रो. (डॉ.) संजय कुमार सिंह, बीएयु के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यशाला की अध्यक्षता बीएयु के कुलपति प्रो. (डॉ.) दुनिया राम सिंह ने की।

कार्यशाला में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. ए.के. सिंह, राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक (फल) डॉ. प्रकाश पाटिल, डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. रूबी रानी और अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में देशभर के 19 राज्यों से लगभग 150 वरिष्ठ वैज्ञानिक पहुंचे हैं।

यह कार्यशाला बिहार के कृषकों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है, खासकर फलों की खेती और उत्पादन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए। कार्यशाला में आम, लीची, अमरूद, केला, नींबू, कटहल, चीकू, अंगूर, पपीता और एवोकाडो जैसे प्रमुख फलों पर विशेष तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे।

वैज्ञानिकों और किसानों की सहभागिता:

बीएयु के पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोधों की समीक्षा की जाएगी और साथ ही फलों के उत्पादन में नवाचारों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, बिहार के प्रगतिशील किसानों को भी मंच पर आमंत्रित किया जाएगा, जो अपनी सफलताओं और तकनीकों को साझा करेंगे। बेगूसराय के किसान अनिश कुमार ने अपने कुंभ नींबू की खेती के अनुभवों को प्रस्तुत किया।

एवोकाडो उत्पादन पर विशेष जोर:

इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य फलों के उत्पादन क्षेत्र का विस्तार करना है। खासकर, बिहार में एवोकाडो फल के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना है। बीएयु के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कार्यशाला बिहार के किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, क्योंकि इससे उन्हें नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीके सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

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