बिहपुर – बीते गुरुवार को देर रात बभनगामा मुखिया मनोज भगत के द्वारा जनवितरण के चावल को दुकान में भेजते पाया गया जिसके कारण मुखिया और पैक्स के बीच आरोप पत्यरोप का सिलसिला चल निकला पर सवाल यह है की आखिर गरिबों को मिलने वाले चावल दुकान तक पहूँच क्यों रहे हैं. एक चक्र क्रम देखें तो गरीब का चावल दुकान और दुकान का चावल फिर गोदाम का सिलसिला दिखता है.
ग्रामिणों ने थाने में कहा की चावल दुकान में बदलने के लिए ले जाया गया था पर यहां भी जनवितरण के खाद्यान पर भी सवाल है की किस प्रकार का चावल मुहैय्या कराया है जो बदलने या बेचने की नौबत आन पड़ती है. किस प्रकार के गरीब लोग हैं जिन्हें बदल कर या बेच कर खाने की आश्यता आन पड़ती है. एक तरफ राशन कार्ड की मारामारी और दूसरी तरफ दुकानों में राशन में मिला चावल बिकता है. हलॉकी यह पहला मामला नही है जब सरकारी चावलों को बेचते पाया गया है.
हलांकी मामले पर खाद्यान विभाग पूर्ण रुप से निपापोती में जुट गई है. मामले की जांच पड़ताल के बजाय बिहपुर प्रशासन को गुमराह करने की पूरी तैयारी भी की जा चुकी. यह कहना गलत नही होगा की भ्रष्टारचार पूर्ण रुप से फल फूल रहा और जनता तमाशाबीन है. एमो पहले कहते हैं की मामले की जांच हो रही है पर महज एक रात में चावल बेचने या बदले वाले खुद ब खुद थाना आकर उपभोक्ता कह रहे हैं की हमने हीं चावल को दुकान में भेजा.
मुखिया प्रतिनिधि ने पैक्स के विरुद्ध आवेदन दिया है जिसमें लिखा है की चावल पैक्स गोदाम से हीं निकाल कर बेचा गया है पर दूसरी और एमों के द्वारा किसी प्रकार का कोई कार्रवाई नही की गई है.