भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर की मंजूषा कला से सजेगा मेले का तोरण द्वार ,उकेरी जाएगी पवेलियन के सभी दीवारों पर बिहुला विषहरी की लोक गाथा का संग्रह
सातवीं बार गोल्ड मेडल पाने के लिए भागलपुर के मंजूषा कलाकार कर रहे हैं प्रत्येक दिन 12 से 14 घंटे मेहनत
भागलपुर,अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में 6 बार बिहार को अंग क्षेत्र भागलपुर की मंजूषा कला और मिथिलांचल के मधुबनी पेंटिंग को लेकर गोल्ड मेडल मिल चुका है, इस बार 14 नवंबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला के बिहार पवेलियन प्रगति मैदान नई दिल्ली में तोरण द्वार और पवेलियन के अंदर एवं बाहर के दीवार पर भागलपुर की मंजूषा कला उकेरी जाएगी ,बता दें कि मंजूषा कला की लोकप्रियता को देखते हुए इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में कई स्टॉल लगाए जा रहे हैं और भागलपुर के कई मंजूषा कलाकार वहां जाकर मंजूषा कला की लाइव प्रस्तुति देखकर तोरण द्वार से लेकर मंच सज्जा तक अपने अंग जनपद की लोक कला मंजूषा कला से करेंगे, वही पवेलियन की दीवारों पर लोकगाथा बिहुला विषहरी पर आधारित कहानियों को लोककला मंजूषा पेंटिंग के जरिए दिखाया जाएगा। भागलपुर के लिए गर्व की बात है की यहां की मंजूषा कला धीरे-धीरे विश्व पटल पर छाने लगा है, भागलपुर के दर्जनों मंजूषा कलाकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला की तैयारी में जुट गए हैं, वह प्रत्येक दिन 12 से 14 घंटे मंजूषा कला कैनवास पेपर ,हैंडमेड पेपर, सिल्क के कपड़े और कई तरह के मंजूषा से बने पेंटिंग को उकेरने में लगे हुए हैं, मंजूषा कलाकारों को उम्मीद है फिर से बिहार को सातवें वार गोल्ड मेडल जरूर मिलेगा।
आगामी 14 नवंबर को दिल्ली के प्रगति मैदान बिहार पवेलियन में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला जैसे ही शुरू होते हैं वैसे ही मंजूषा कला के तीन रंग और डिजाइन लोगों को खूब भाने लगते हैं, अन्य राज्यों व देशों से आए लोग जमकर मंजूषा की तारीफ करते दिखते हैं और मंजूषा कलाकृति खरीदते दिखते हैं, खासकर भागलपुर के रेशमी सिल्क साड़ियों में उकेरी गई अंग जनपद की लोक कला मंजूषा लोगों को खूब आकर्षित करती है, इसके हरे पीले और गुलाबी रंगों के कंपोजीशन लोगों को खूब भाते हैं। यही कारण है कि अंग जनपद भागलपुर की मंजूषा कला और मिथिलांचल का मधुबनी पेंटिंग बिहार को 6 बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में गोल्ड मेडल दिलाया है और इस बार जिस जोस और उमंग से कलाकार तैयारी कर रहे हैं उम्मीद है सातवें वार भी बिहार को ही गोल्ड मेडल मिलेगा।
भागलपुर के मंजूषा कलाकार मनोज पंडित के नेतृत्व में मंजूषा कला प्रशिक्षण केंद्र के द्वारा यह तैयारी जोर शोर से चल रही है, वही मनोज पंडित ने बताया कि कई दिनों से भागलपुर के मंजूषा कलाकार भूखे प्यासे प्रत्येक दिन 12 से 14 घंटे मंजूषा पेंटिंग बनाने में लगे हुए हैं जिसमें पवन सागर अमन सागर सुमना प्रीति ज्योति वर्षा पूजा आरती सीता देवी कविता देवी अपना विशेष योगदान दे रही हैं, वहीं उन्होंने कहा पूर्व उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन व उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान का इसमें बहुत बड़ा सहयोग है, मंजूषा कला विलुप्त हो रही थी उसे विश्व पटल पर लाने के लिए भागलपुर के मंजूषा कलाकार केंद्र व राज्य सरकार को धन्यवाद देते दिखे, वहीं मंजूषा के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित पवन सागर ने बताया इस तरह की पहल से मंजूषा का व्यापार बढ़ेगा और यहां के लोक कला के कलाकार समृद्ध होंगे।