नवगछिया अनुमंडल उपकारा में बंदियों को जेल से रिहा होने के बाद स्वरोजगार से जुड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में ढाई सौ से अधिक बंदियों ने भाग लिया और उन्हें खेती, पशुपालन और अन्य स्वरोजगार संबंधित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का उद्देश्य था कि जेल से बाहर आने के बाद बंदी समाज की मुख्य धारा में पुनः जुड़ सकें और अपने जीवन में सुधार कर सकें। इस दौरान उन्हें खेती और पशुपालन जैसे व्यवसायों से जुड़ने के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया। खासकर, मशरूक की खेती, भैंस पालन, गाय पालन और बकरी पालन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कृषि विज्ञान औषधीकेंद्र जमोर के जियाउल होदा द्वारा दिया गया, जिन्होंने बंदियों को स्वरोजगार के अवसरों और लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कृषि और पशुपालन के विभिन्न पहलुओं को समझाया, जिससे बंदी अपने कौशल को बढ़ाकर जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें।
इस अवसर पर उपकारा की अधीक्षक शालीनी कुमारी चौबे और प्रभारी सहायक उपाधीक्षक श्री कृष्ण कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने बंदियों को सकारात्मक सोच के साथ समाज में पुनः शामिल होने का संदेश दिया और उनकी आगे की यात्रा में सफलता की कामना की।
यह आयोजन उपकारा में बंदियों के पुनर्वास और उनके सामाजिक पुनर्निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।