बिहपुर:- प्रखंड के वैसे किसान जिनकी जमीन गंगा तट के समीप है और जमीन में खड्डा है वैसे किसान गंगा के पानी बाढ के पानी के निकल जाने के बाद अपने-अपने जमीन पर बने खड्डों में हर साल मछली के बच्चों को खरीद कर डालते हैं जिससे साल एक बार अच्छी खासी आमदनी हो जाती है । यह बिल्कुल उसी प्रकार है जिस प्रकार किसाव कलाई की खेती करते हैं । पूर्व से ही अपराधीयों ते द्वारा काला सोना यानी कलाई की खेती पर लूटपाट की जाती रही है ।
अब इन अपराधीयों की नज़र अब मछली पालक किसानों पर भी पर चुकी है । जमिंदारी बांध से सटे जयरामपुर के किसान कन्हैया कुमार , राजेश कुमार ,मुकुन्द कुमार समेत कई किसानों के द्वारा बिहपुर थाने में एक लिखित आवेदन दिया गया जिसमें यह बताया की वर्तमान समय में कई नकाबपोश हथियार के अब इन मछली भरे तलाबों के समीप मंडराने लगे हैं जिसके कारण भय का महौल है ।
किसानों के द्वारा प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है । ज्ञात हो की सरकारी नियमानुसार जब सोसायटी की जमीन का पानी जब खतियानी ज़मीन के पानी से अलग होता है तो खतायानी जमीन पर मालिकाना हक किसान का हीं होता है और जिस ज़मीन को लेकर सुरक्षा की मांग की जा रही है सभी जमीन खतियानी है