भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर,नहाए खाए से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है खरना पूजा के बाद आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है, समृद्धि पुत्र प्राप्ति व मंगल कामना के पर्व छठ पर शासनकाल में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, भागलपुर के आसपास के सभी गंगा घाटों पर, तालाबों में तो कहीं गड्ढे बनाकर साथ ही साथ कई घरों के छत पर पानी जमा कर डूबते सूर्य को दूध व गंगाजल से अर्घ्य दिया गया ,
बूढ़ानाथ घाट पुल घाट खेड़ी घाट सखीचंद घाट खिरनी घाट पीपलीधाम घाट नील कोठी घाट मुसहरी घाट के अलावे दर्जनों गंगा घाटों पर रंगीन और औषधियों से सजाया गया था, छठ व्रति व श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बन रही थी हर गली मोहल्ले में छठ गीत बज रहे थे, शहर के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, शाम होने से पहले ही व्रति तालाबों व गंगा नदी के घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पूरी श्रद्धा व निष्ठा भाव से पहुंची और लोगों ने अर्घ्य दिया
, कोरोना काल के बाद इस बार गंगा घाटों व तालाबों पर काफी भीड़ देखने को मिली, कई घाटों में दलदल थी परंतु प्रशासन व छठ पूजा समिति के द्वारा गंगा घाटों को दुरुस्त किया गया हर जगह बिजली साफ सफाई दूध व महिलाओं के कपड़ा बदलने के लिए घेरा बने हुए थे। वही हर घाटों पर सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कई घाटों व चौक चौराहों पर प्रशासन के द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाकर निगरानी की जा रही थी।